Anxiety in Hindi: एंग्जायटी डिसऑर्डर या चिंता क्या है  जानिए इसके लक्षण, कारण, उपचार की सम्पूर्ण जानकारी | What is Anxiety Know Symptoms of Anxiety, Causes and Treatments in Hindi

Table Of Content Of Anxiety in Hindi


एंग्जायटी क्या है | What is Anxiety in Hindi

Anxiety या यूँ कहिये चिंता और बड़े बुजुर्ग कहते है की चिंता और चिता एक सामान है इसी लिए इसे हलके में लेने की गलती कभी न करे I चिंता या घबराहट एक मानसिक समस्या है, जो किसी बात या काम को लेकर जादा सोचने से उत्पन्न होती है। चिंता की वजह से आपकी रातों की नींद उड़ सकती है।

इसके चलते आप कई मानसिक और शारीरिक रोग चपेट में आ सकते है । यह मस्तिष्क को चोट देने के साथ ही शरीर को भी बहुत नुकसान पंहुचा सकता है।इस मानसिक तनाव  और चिंता  मुक्त होने के लिए लोग कई जतन करते है  जिनमे बहुत से लोग दवाई का भी सहारा लेते हैं, पर  कभी-कभी उन दवाइयों का बुरा असर  या  भयानक साइड इफ़ेक्ट भी देखने को मिलता है I

अगर आप भी इस समस्या से परेशान है और इसके विषय में सम्पूर्ण जानकारी खोज रहे है तो आप बिलकुल सही जगह पर है । आज हम अपने इस लेख में आपको anxiety एंग्जायटी डिसऑर्डर या चिंता के विषय में बतायेगे साथ ही इसे जुड़े आपके सभी सवालो या संका को दूर करेंगे तो पढना जारी रखिये।

Types of anxiety in Hindi | एंग्जायटी डिसऑर्डर के प्रकार

Types of anxiety in Hindi | एंग्जायटी डिसऑर्डर के प्रकार

हम में से बहुत लोगो के दिमाग में ये सवाल कभी न कभी आया ही होगा की anxiety  एंग्जायटी डिसऑर्डर कितने प्रकार के होते है और  इन एंग्जायटी डिसऑर्डर के क्या कारण है , एंग्जायटी डिसऑर्डर के लक्षण क्या है तो चलिए सबसे पहले जानते है एंग्जायटी डिसऑर्डर के प्रकार  (Types of anxiety in Hindi)

आमतौर पर एंग्जायटी डिसऑर्डर, बहुत सी दिमागी बीमारियों का एक समूह होता है, जिसमें विभिन्न परिस्थितियां शामिल हैं और इसी के आधार पर एंग्जायटी के प्रकार (Types of anxiety in Hindi)को दर्शाया गया है

घबराहट की समस्या | पैनिक डिसऑर्डर Panic Disorder in Hindi

इस एंग्जायटी डिसऑर्डर के प्रकार  में आपको अचानक से किसी व्यक्ति वस्तु या फिर किसी विशेष परिस्थिति से डर महसूस करने लगने लगते है इस पैनिक अटैक में  आपको सीने में दर्द हो सकता है (असामान्य रूप से तेज़ या अनियमित दिल की धड़कन) इसके साथ ही पसीना आना एक सामान्य लक्षण है। कई बार पीड़ित को यह भी लगता है जैसे उसका दम घुट रहा हो या उसे दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने वाला हो ।

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सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर | Social Anxiety in Hindi

इस एंग्जायटी डिसऑर्डर के प्रकार को सामाजिक भय भी कहा जाता है, आमतौर यह तब होता है जब आप रोजमर्रा की सामाजिक स्थितियों के बारे में जादा सोचने लगते है या फिर चिंता और आत्म-चेतना महसूस करते हैं। यह एंग्जायटी डिसऑर्डर जादातर स्कूल के बच्चो से शुरू होकर कार्य करने वाले प्रोफेशनल्स में जादा देखने को मिलता है

क्युकी इसमें पीड़ित बिना कुछ समझे ही यह निर्णय अपने मन में ही ले लेता है की यदि कुछ कार्य में उनसे कोई गलती हो जाएगी तो लोग उसका मजाक बनायेंगे या फिर तरह तरह की बाते करेंगे। इसी के चलते कुछ लोग बाहरी दुनिया से काटना शुरू कर देते है और अपने आप में ही रहने लगते है जो इस समस्या को कम करने के बजाय अधिक बढ़ा देता है। 

विशिष्ट फोबिया | Specific Phobias

इस एंग्जायटी डिसऑर्डर के प्रकार (Types of anxiety in Hindi) में आप किसी विशिष्ट वस्तु या स्थिति से बहुत ज्यादा डर महसूस करते हैं, जैसे  लिफ्ट, उचाई , पानी से डर, अँधेरे से आदि। इसमें आपका डर बाहत ज्यादा बढ़ सकता है और सामन्य स्तिथियों में भी यह विशिष्ट फोबिया आपके ऊपर हावी हो सकता है।

सामान्यीकृत एंग्जायटी डिसऑर्डर | Generalized anxiety disorder

इस एंग्जायटी डिसऑर्डर  के प्रकार में  आप बहुत ज्यादा या बिना किसी कारण के अधिक, अवास्तविक चिंता और तनाव महसूस करते हैं।

ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर | Obsessive compulsive disorder

इस एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) में पीड़ित लगातार चिंतित और भयभीत रहने लगता है। इसी के चलते उसमें अजीब आदतें विकसित होने लगती हैं जैसे-किसी को सफाई की सनक हो जाती है और वो साफ-सुथरी चीजों को दोबारा और बार-बार साफ़ करने लगता है। इसे अलावा जिस बात से उसे कोई दुःख या प्रॉब्लम होगा वो बात 24 घंटे उसके दिमाग में रहती है और वह बस उसी के बारे में सोचता है और सभी से उसी के बारे में ही बात करता है और थोड़ी देर की ही बात में वह एक ही बात को बार बार दोहराता भी है

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एंग्जायटी के लक्षण क्या है |Symptoms of Anxiety in Hindi

हर वक़्त बेचैनी, चिंता, वास्तविक या काल्पनिक घटनाओं से भविष्य का डर दिमाग और शारीर दोनों पर बुरा असर डालती है। वैसे (Symptoms of anxiety in Hindi) एंग्जाइटी के प्रमुख लक्षण थकान, सिरदर्द और नींद न आने की समस्या शामिल हैं। पर व्यक्ति विशेष के लिए यह लक्षण अलग-अलग भी हो सकते हैं, पर एक बात सामन्य है

और वह स्थायी डर और चिंता है जो सभी में देखे जाते हैं, अगर यह एंग्जाइटी के लक्षण तीव्र नहीं हैं तो आप धीरे धीरे इनसे मुक्ति पा सकते है, वरना एंग्जाइटी डिसऑर्डर हो जाता है और इसके चलते रोजमर्रा का जीवन और कार्य करने की क्षमता प्रभावित होने लगती है। इसके अलावा और भी  एंग्जाइटी के लक्षण देखने को मिलते है जिन्हें हमने  नीचे दिए गए लिस्ट में लिखा है

What is Anxiety Know Symptoms of Anxiety, Causes and Treatments in Hindi
  1. बिना वजह किसी भी बात को लेकर चिंता करना
  2. हृदयगति बढ़ोत्तरी महसूस होना
  3. छाती के किसी भी भाग में खिचाव महसूस हो सकता है जो पेट तक भी जा सकता है
  4. अचानक सांस फूलना या सांस लेने में समस्या भी एंग्जाइटी के लक्षण है
  5. बहार घुमने जाने और लोगों से मिलने में घबराहट महसूस होना
  6. नए लोगों से बातचीत करने में घबराहट
  7. लिफ्ट में जाने का डर या उसमे फसे रह जाने का डर
  8. बिना कारण चीजों को इधर उधर रखना या सफाई करना
  9. चीजों को रख कर भूल जाना
  10. जीवन में निराशा महसूस होना
  11. मरने का ख्याल आना या जैसे मरने वाले हो यह भी गभीर एंग्जाइटी के लक्षण है
  12. पास्ट में हुए कुछ गलत बातों को याद करके बेचैन हो जाना
  13. शारीर की मांसपेशियों में तनाव बढ़ जाना
  14. दिमाग में फालतू विचारों में बढ़ोतरी होना
  15. गैरजरूरी चीज के प्रति लगाव होना
  16. जल्दी निराश हो जाना
  17. किसी चीज के लिए अनावश्यक आग्रह करना आदि
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एंग्जाइटी के कारण क्या हैं ?| Cause of anxiety in Hindi?

क्या आपने कभी यह जाने की कोशिस की है की एंग्जाइटी के कारण क्या हैं या क्या हो सकते है अगर आप नहीं जानते है तो हम बताते है इसके कई कारण हो हो सकते है जो निम्नलिखित है:-

पारिवारिक हिस्ट्री

 अगर आपके परिवार में पहले से कोई इस समस्या से जूझ रहा हो तो संभवता आपको यह विरासत में मिल सकती है परिवार से हमारा तात्पर्य है केवल ख़ून के रिश्तो से जैसे माँ बाप दादा दादी आदि यह एंग्जाइटी का कारण एक पीढ़ी सेदूसरीपीढ़ी तक भी जा सकता है।

तनाव युक्त घटनाये

जीवन में ऐसी चीजों का बार बार होना जो आपको घोर तनाव में डालती हो जैसे ऑफिस का कार्य या फिर छात्रों के लिए किसी प्रोजेक्ट में कार्य करना प्रेम प्रंसंग में असफलता आदि एंग्जाइटी डिसऑर्डर के कारण  हो सकते हैं ।

स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं

यदि आप किसी प्रकार का रोग, जैसे दमा, थॉयराइड, शुगर या हृदय संबंधी रोग से  जूझ रहे है तो यह भी एंग्जाइटी डिसऑर्डर के कारण हो सकते है ।  इसके अलावा  जो लोग तनाव में हैं वह भी इसकी चपेट में आ सकते हैं । जैसे, अगर कोई व्यक्ति एक लंबे समय से डिप्रेशन जैसी समस्या से परेशान है, तो उसके काम करने के ढंग और तरीके में गिरावट आने लगती है ।

अधिक नशा करने की वजह से

किसी भी प्रकार की समस्या या घूम को भूलने के लिए लोग अक्सर जाम का सहारा लेते है पर यह तब ही ठीक है जब तक आप अपनी लिमिट में रह कर करते है यदि आप शराब या किसी और चीज़ का नशा लिमिट से अधिक करते है तो यह भी एक मुख्य कारण बन सकता है एंग्जाइटी डिसऑर्डर का बेशक शराब आपको कुछ देर के लिए अच्छा महसूस करा सकती है पर यह एंग्जाइटी डिसऑर्डर की दवा या  उपचार कभी नहीं हो सकती हैबल्कि यह समस्या को बढ़ाने का काम करेगा । जैसे ही नशे का असर खत्म होगा, समस्या पहले से ज्यादा महसूस होगी ।

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एंग्जाइटी डिसऑर्डर  के उपचार | Treatment of anxiety Disorder in Hindi

एंग्जायटी (anxiety)अब मेंटल डिसऑर्डर बन चुका है और हममें से बहुत लोग अभी भी एंग्जाइटी डिसऑर्डर के लक्षण और सावधानियों के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते। आज कल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में तेज़ तर्रार होना आम बात  है जो आपको परेशां करने के लिए काफी है ज़िन्दगी के रेस में हर कोई आगे निकलना चाहता है और यही आगे निकलने की होड़  कभी कभी एंग्जायटी डिसऑर्डर पे जा कर रूकती है

अगर बात करे एंग्जाइटी डिसऑर्डर के उपचार के बारे में तो  ये जरूरी है कि हम हर दिन उन एक्टिविटी का अभ्यास करें जिनसे एंग्जायटी पर काबू पाया जा सकता है।

कई बार एंग्जाइटी (anxiety) के मरीज का ठीक होना पूरी तरह  इस बात पर निर्भर करता है कि एंग्जाइटी कितनी गंभीर या पुरानी है। बड़ों के बजाय बच्चों में रिकवरी बहुत जल्दी होती है। मनोचिकित्सक पीड़ित मौजूदा स्थिति के हिसाब से इलाज करते हैं।  तो चलिए जानते है कौन सी ऐसी थेरपी है जिस्न्की मदद से आप एंग्जाइटी डिसऑर्डर से छुटकारा पा सकते है

कॉग्निटिव्स बिहेवियर थेरेपी (सीबीटी)| Cognitive Behavior Therapy (CBT)

इस एंग्जाइटी डिसऑर्डर के उपचार या थेरपी में मरीज के लर्निंग और थिंकिंग पैटर्न को समझ कर उसमे बदलाव किया जाता है। इसमें ब्रेन ट्यूनिंग एक्सरसाइज(Brain tuning exercise), माइंड और थॉट्स एक्टिविटीज (Mind and Thought Activities) के जरिए मरीज को बिहेवियर मॉडिफिकेशन (behavior modification) सिखाया जाता है। इससे पीड़ित को जटिल परिस्थितियों से तालमेल बिठाने और दिमाग को ठंढा रखने में मदद मिलती है।

साइकोएनालिसिस थेरेपी | Psychoanalysis Therapy

अगर मरीज व्यस्क है और उनके बचपन में कोई ऐसी घटना हुई है जो नहीं होनी चाहिए थी तो उसे एक्सप्लोर किया जाता और उसे हील करने की कोशिश की जाती हैं।

हिप्नोथेरेपी या हिप्नोसिस थेरेपी | Hypnotherapy or Hypnosis therapy

Clinical psychology की तरह Hypnotherapy or Hypnosis therapy भी इस्तेमाल  किया जाता है। जब मरीज अपनी  पास्ट के विषय में चाह कर भी नहीं बता प् रहा हो या परेशां हो जा रहा हो या एंग्जाइटी के रूट कॉज नहीं बता पा रहा हो उस परिस्तिथि में हिप्नोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।

विजुलाइजेशन और सिस्टेमेटिक डीसेंटरलाइजेशन तकनीक | Visualization and Systematic Decentralization Techniques

इन दोनों तकनीकों के माध्यम से एंग्जाइटी (Anxiety)को इतना बढ़ा दिया जाता है कि उसे झेलने के लिए मरीज मानसिक रूप से तैयार हो जाए। ऐसा इसलिए करते है ताकी मरीज़ की मेंटल स्ट्रेंथ बढ़ सके।

प्ले थेरेपी और आर्ट थेरेपी | Play therapy and art Therapy

इस थेरेपी का इस्तेमाल जादातर छोटे बच्चो पर किया जाता है इस थेरपी में मनोचिकित्सकों द्वारा बनाये गए psychological games  खेलने को दिए जाते हैं, जो बचो के लिए काफी मददगार साबित होते हैं।

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एंग्जायटी (Anxiety) को दूर करने के लिए क्या खायें? | What to eat to cure Anxiety?

अगर आप भी इस सवाल का जवाब बहुत दिनों से खोज रहे है की एंग्जायटी में क्या खाना चाहिए तो अब आपका इन्तेजार ख़तम समझिये क्युकी यहाँ हमने कुछ ऐसे खाने पिने वाली चीज़ों के बारे में बताया है जो आपको Anxiety से लड़ने में मदद करेंगे :-

पालक

जी हाँ पालक का सेवन करने से आप एंग्जायटी डिसऑर्डर से बच सकते है आप पालक को पीसकर उसका जूस निकालकर पी सकते है हो सकता है यह आपको थोडा अजीब लगे इसके लिए आप इसमें थोडा काला नमक मिला सकते है। यदि आप पालक खाना पसंद करते है तो आप इसको सब्जी की तरह पका कर खा सकते है । पालक में एंटी स्ट्रेस और एंटी डिप्रेसिव गुण (Anti stress and anti depressive properties) होता हैं जो चिंता और एंग्जायटी (Anxiety) को खत्म करने में मदद करता है।

गाजर

पालक की तरह गाजर का सेवन भी चिंता को दूर करने (relieve anxiety)के लिए किया जा सकता है। आप गाजर को किसी भी तरह से खा सकते है चाहे आप इसे ऐसे ही खाए या फिर खाने के साथ सलाद की तरह या उसका जूस निकाल कर भी सेवन कर सकते हैं। गाजर में विटामिन सी, विटामिन ए और विटामिन के पाया जाता है साथ ही यह पोटेशियम का भी अछा श्रोत माना जाता है जो चिंता और एंग्जायटी (Anxiety) से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।

बादाम

Anxiety को ठीक करने के लिए आप बादाम का सेवन भी कर सकते है इसके अलावा बादाम, लैवेंडर और मिशेलिया, अल्बा लीफ आदि के तेलों को मिलाकर सिर पर मालिश करने से काफी हद तक चिंता और तेंस्सिओं से छुटकारा मिलता है और दिमाग ठीक रहता है ।तेलों के इस मिश्रण में चिंता निवारक गुण anti-anxiety properties होते हैं जो घबराहट व बेचैनी को दूर करते हैं।

जायफल

जायफल भी एक अछा विकल्प है एंग्जाइटी के लक्षण को ख़तम करने के लिए आप इसके पाउडर को खाना बनाने के दौरान कर सकते है जिसके बाद खाने का तसते तो बढेगा ही साथ साथ यह चिंता भी ख़तम भी ख़त्म करेगा तो बेहतर होगा आप अपनी डाइट में एक नाम और शामिल करले जो की है जायफल

कई पुराने वैध जायफल का तेल कैस्तेमल मूड ठीक करने के लिए करते थे आप भी इसका इस्तेमाल कर अपने दिमाग को ठंढा और बेहतर बना सकते है। इसके लिए जायफल के तेल की कुछ बूंदों को रूमाल में डालकर इसे थोड़ी थोड़ी देर पर सूंघते रहे। इससे काफी हद तक आराम मिलेगा।

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एंग्जायटी के लिए योग | Yoga for anxiety

उष्ट्रासन (Ustrasana)

अगर आप रोजाना योग करते है तो यह शारीर के साथ साथ आपकी मासिक स्तिथि के लिए भी बेहतर है अगर आप योग करते है तो आपको इस योग आसन के बारे में मालूम ही होगा। यदि आप उष्ट्रासन नियमित अभ्यास करते है  तो इससे स्ट्रेस कम होता है और आपके पूरे शरीर में रक्त संचार (Blood Circulation) बढ़ता है। रक्त संचार बढ़ने से शरीर में ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है और शरीर और दिमाग दोनों अच्छी तरह कार्य करने लगते है।

सेतु बंधासन (Setu Bandhasana)

यह आसन भी आपके रक्त संचार को बढाकर आपके शारीर और दिमाग को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है। सेतु बंधासन आसन न सिर्फ आपकी छाती को चौड़ा बनाता है बल्कि दिल के ब्लॉकेज (heart blockages) को भी खोलने में कारगर है। ये दिमाग को शांत करने और स्ट्रेस घटाने में भी मदद करता है।

बद्ध कोणासन (Baddha Konasana)

बद्ध कोणासन, योग का मुख्य आसन है। ये जांघ के अंदरूनी हिस्से और गुप्तांग के आसपास के हिस्से को स्ट्रेच करता है। ये आपकी रीढ़ की हड्डी को सीधा करने और जांघों को आराम पहुचाने में मदद करता है। इसके नियमित अभ्यास से हिप्स के दर्द और टेंशन, स्ट्रेस और डिप्रेशन में भी राहत मिलती है।

पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)

यह आसान भी स्ट्रेस anxiety और मानसकी स्तिथि के लिए बेहतरीन माना गया है यदि आप इस आसन के विषय में नहीं जानते है तो आपको बता दें की इस आसन में आपको

बैठने के बाद आगे झुकना होता है  यह आसन हैमस्ट्रिंग मसल्स को मजबूत बनाता है । ये रीढ़ की हड्डी की समस्याओं को ख़तम करने में भी मदद करता है। इस आसन के दौरान लंबी सांस ले  और छोड़े इससे आपका दिमाग शांत रहेगा और शरीर लचीला बना रहेगा।

नोट :- यदि आपको पहले से कोई कोई स्वस्थ्य समस्या है खासकर ह्रदय सम्बन्धी तो उपरोक्त योग आसन करने से पूर्व किसी योग गुरु की सलाह अवश्य ले

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Special Advice:-

एक्सरसाइज

जैसा की हम सभी लोग जानते ही है की व्यायाम सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है जो आपको तनाव से निपटने के लिए मदद कर सकती हैं। यदि आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं तो आपको इसके लाभ जल्दी ही देखने को मिलेंगे । ऐसा देखा गया है की जो लोग नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, उन्हें व्यायाम न करने वालों की तुलना में चिंता का अनुभव होने की संभावना कम होती है।

खानपान का ध्यान दें

एंग्जायटी को मैनेज (anxiety management) करने के लिए आपको अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना होगा । बैलेंस्ड आहार (balanced diet) का सेवन करें और खाना बिल्कुल भी स्किप न करें। जादा तला भुना एवं बाहर की चीजों का सेवन करने से बचे। इसके अलावा एल्कोहल और कैफीन के सेवन कम करें, इससे स्थिति गंभीर हो सकती है। इसके अलावा एक और जरूरी बात खुद को हाइड्रेट रखें। इससे हमारा यह तात्पर्य है की आपको दिन भर में खूब पानी पीना है शारीर में पानी की कमी न होने दे।

पूरी नींद लें

एक अच्छे स्वास्थ्य  के लिए डाइट के अलावा अच्छी नींद लेना भी बहुत जरूरी है तनावग्रस्त होने पर, आपके शरीर को अतिरिक्त नींद और आराम की आवश्यकता होती है और ऐसा देखा गया है की जब भी व्यक्ति anxiety disorder से पीड़ित होता है तो उसकी नींद पूरी नहीं हो पाती जो इस बीमारी को और गंभीर बनाती है

 इसलिए जितना हो सके अपने शरीर को आराम दें और पर्याप्त नींद लेने की कोशिस करे। कम से कम 7 घंटे की नींद पूरी करें। अगर आप चाहते है के आप भविष्य में होने वाले संघर्स और समस्याओ के लिए खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाना चाहते है,तो पर्याप्त मात्रा में नींद लें।

हमारे इस लेख को पढने के लिए आपका आभार।  जैसा की आपने देखा हमने अपने इस आर्टिकल में आपको एंग्जाइटी के प्रकार , एंग्जाइटी के लक्षण और उपाय, एंग्जायटी में क्या खाना चाहिए,  और एंग्जायटी के लिए योग के बारे में जानकारी दी है उम्मीद करते है अब तक आपको एंग्जायटी के विषय में जानकारी मिल ही गई होगी पर फिर भी इसके अतिरिक्त यदि आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमे कमेंट कर के जरूर बताये जिससे हम आपकी इस टॉपिक से जुड़े सभी सवालो को कवर कर पाए।

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Ankit is a health and fitness Blogger having experience working for various Multi-National Organizations as an Information Technology Specialist, Content Writer, and Content Manager. He loves blogging and right now he is enjoying his journey of exploring health and fitness-related blogs and stuff. He is actively involved in Yoga and other modes of fitness and has various certificates for the same. He has a lot of experience in Hindi writing as well as in English writing likes to read books and travel to different places.

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