जब महिला गर्भवती होती है तो उसके शरीर में बहुत से बदलाव आने लगते हैं कई महिलाओं को यह पता नहीं होता है कि उनके शरीर में बदलाव क्यों होते हैं। गर्भवती महिलाओं के शरीर में बदलाव इसलिए होते हैं क्योंकि उनके शरीर में हार्मोन बदल जाते हैं जिसकी वजह से महिलाओं के शरीर में बहुत से बदलाव आते हैं जिसमें से एक बदलाव यह भी है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को एक्जिमा की समस्या हो सकती है। एक्जिमा एक ऐसी समस्या है जो महिलाओं के त्वचा से जुड़ी होती है।यें समस्या तब भी हो जाती है जब महिलाएं गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य से संबंधित कोई लापरवाही करती है।
आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको एग्जिमा बीमारी से संबंधित सभी बातें बताएंगे जो कि गर्भवती महिलाओं को जानने बेहद ही आवश्यक है।अगर महिलाओं को पहले से ही एग्जिमा बीमारी के सभी लक्षणों के बारे में पता चल जाए तो फिर वेंआसानी से इस बीमारी को पहचान कर समय पर इलाज करवा सकती हैं तो चलिए अब हमCauses Of Eczema Disease In Pregnancy In Hindi तथाSymptoms Of Eczema Disease In Pregnancy In Hindi इसी के साथ साथ Prevention From Eczema Disesse In Pregnancy In Hindi तथा Treatment Of Eczema Disease In Pregnancy In Hindi के बारे में जानेंगे।
- एक्जिमा क्या है–What Is Eczema Disease During Pregnancy In Hindi ?
- गर्भावस्था के दौरान एक्जिमा का खतरा किसे ज्यादा रहता हैं ?
- जब गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को एक्जिमा की समस्या हो जाती हैं तब बच्चे पर क्या असर पड़ता है !
- गर्भावस्था के दौरान एक्जिमा होने के कारण– Causes Of Eczema Disease In Pregnancy In Hindi ?
- गर्भावस्था के दौरान एक्जिमा होने के लक्षणSymptoms Of Eczema Disease In Pregnancy In Hindi ?
- गर्भावस्था के दौरान एग्जिमा का ट्रीटमेंट– Treatment of Eczema Disease In Pregnancy In Hindi ?
- गर्भावस्था के दौरान एक्जिमा के घरेलू उपचार– Home remedies For Eczema Disease In Pregnancy In Hindi ?
- Conclusion –
एक्जिमा क्या है–What Is Eczema Disease During Pregnancy In Hindi ?
बहुत-सी महिलाओं को यह पता नहीं होता है कि आखिर एग्जिमा होता क्या है। एक्जिमा एक ऐसी बीमारी है जो गर्भावस्था के समय महिलाओं की त्वचा पर हो जाती है। जब महिलाओं की त्वचा में एक्जिमा की समस्या हो जाती हैं तो उन महिलाओं की त्वचा में सूजन आने लगती है और रूखापन भी आने लगता है। इसके साथ-साथ महिलाओं की त्वचा में खुजली की समस्या भी हो जाती हैं। कई बार तो महिलाओं को अपनी त्वचा में इतनी ज्यादा खुजली होती है कि वह खुजली करके अपनी त्वचा से खून भी निकाल देती हैं।
ज्यादातर एक्जिमा किसमस्या महिलाओं के चेहरे, कोहनी के अंदर ,घुटनों के पीछे हाथों और पैरों पर ज्यादा हो जाती है इसकी वजह से चेहरे पर लाल रंग के छोटे-छोटे निशान होने लगते हैं जो कि देखने में किसी खरोच के निशान की तरह लगते हैं।अगर आप समय पर इसका इलाज ना कर पाए तो महिलाओं को यह समस्या लंबे समय तक रह सकती है और यह समस्या महिलाओं के लिए गंभीर भी हो सकती है। इसलिए जब आपको एक्जिमा के बारे में पता चलता है तो आपको तुरंत इसका इलाज कराना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान एक्जिमा का खतरा किसे ज्यादा रहता हैं ?
जैसे कि आप सब जानते हैं कई महिलाएं ऐसी होती हैं जिन्हें गर्भावस्था से पहले ही किसी प्रकार की बीमारी होती है अगर किसी महिला को गर्भावस्था से पहले ही कोई बीमारी है, तो आपको यह ध्यान देना होगा कि आपको गर्भावस्था के दौरान यह बीमारी ज्यादा बढ़ सकती हैं इसलिए जिन महिलाओं को यह पता होता है कि मैं किसी प्रकार की कोई बीमारी है तो उन महिलाओं को गर्भावस्था से पहले ही अपना इलाज कराना कराना चाहिए।अगर गर्भवती महिला गर्भावस्था से पहले ही अपना इलाज कराती है तो उन महिलाओं को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है और ना ही उन महिलाओं के बच्चे को भी कोई परेशानी नहीं होती है।
गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण करने के बाद शुरुआती दो तिमाही में एक्जिमा होने का खतरा ज्यादा रहता है ज्यादातर महिलाओं में एक तिमाही मैं ही महिलाओं में एक्जिमा के लक्षण दिखाई देते हैं इनमें से बहुत सी महिलाएं ऐसी होती है जिन्हें गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान एक्जिमा की समस्या हो जाती है। इसलिए अगर आपको गर्भावस्था से पहले ही अपनी बीमारी के बारे में पता होता है तो आपको तुरंत इलाज कराना चाहिए आपको किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
जब गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को एक्जिमा की समस्या हो जाती हैं तब बच्चे पर क्या असर पड़ता है !
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को एक्जिमा की समस्या आमतौर पर मां या बच्चे के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं होता हैं, क्योंकि एग्जिमा की समस्या गर्भ में पल रहे शिशु तक नहीं पहुंच सकती है इसलिए एक्जिमा सीधे तौर पर बच्चे को परेशान नहीं कर सकता हैं।
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आपको इन बातों का ध्यान देना होगा कि अगर किसी महिला को लंबे समय से एक्जिमा की समस्या है, तो उन महिलाओं को यह ध्यान देना होगा कि उन्हें गर्भावस्था के दौरान यह समस्या ज्यादा भी हो सकती है और उनके बच्चे को भी कोई समस्या हो सकती है और इसके साथ-साथ महिलाओं के शरीर में मानसिक बीमारियां भी बढनें लगती है। इसलिए महिलाओं को जब यह पता चलता है कि उन्हें एग्जिमा है तो उन्हें डॉक्टर की सलाह से तुरंत अपना इलाज कराना चाहिए ताकि उनके शरीर में किसी भी प्रकार की कोई बीमारी ना हो।
गर्भावस्था के दौरान एक्जिमा होने के कारण– Causes Of Eczema Disease In Pregnancy In Hindi ?
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में एग्जिमा होने के अनेकों कारण हो सकते हैं हम आपको उन कारणों के बारे में बताते हैं –
सूजन से
गर्भावस्था के समय महिलाओं के शरीर में एक्जिमा की समस्या हो जाती हैं तो उन महिलाओं की त्वचा पर तरह-तरह की समस्याएं होने लगती है। सूजन के कारण त्वचा की बाहरी परत को नुकसान हो सकता है जोकि एक्जिमा का कारण बन सकता है।
त्वचा की नमी कम होने से
जब महिलाओं की त्वचा पर कम हो जाती हैं तो उनके चेहरे पर उदासी छा जाती हैं।आपने अक्सर देखा होगा कि गर्भावस्था के दौरान बहुत सी महिलाओं के साथ ऐसा होता है जिनकी त्वचा की नमी कम होने लगती है तो उन महिलाओं की त्वचा की नमी ना होने के कारण त्वचा रूखी रूखी रहने लगती है।
इस प्रकार की महिलाओं की त्वचा पर किसी भी प्रकार का संक्रमण आसानी से हो सकता है, क्योंकि जब त्वचा में नमी होती है तो नमी अनेकों प्रकार के संक्रमण से हमारी त्वचा को बचाती है मगर नमी खत्म हो जाने के पश्चात त्वचा आसानी से किसी भी संक्रमण के संपर्क में आकर संक्रमित हो जाती है।
मौसम बदलने से
इस बात को तो हम जानते ही हैं कि मौसम बदलने के साथ-साथ लोग किस प्रकार प्रभावित होते हैं। खासतौर पर जिन लोगों के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है तो इस प्रकार के लोग तो मौसम बदलने पर आसानी से अनेकों प्रकार के संक्रमण से संक्रमित हो जाते हैं। जब वह महिलाएं गर्भवती होती हैं तो उस समय भी उनके शरीर के ऊपर मौसम बदलने का काफी बुरा प्रभाव पड़ता है इसलिए मौसम के बदल जाने से भी एग्जिमा की समस्या हो सकती है।
त्वचा में जलन
जब महिला की त्वचा में किसी भी प्रकार की कोई समस्या हो जाती है,तो महिलाएं ऐसे में किसी भी साबुन या किसी क्रीम का इस्तेमाल करती हैं, तो इससे महिलाओं की त्वचा में ज्यादा जलन हो सकती है जो एग्जिमा का कारण हो सकता है।
एलर्जी होने से
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में एलर्जी अनेकों कारण से हो सकती हैं, जैसे कई तरह के खाद्य पदार्थ, धूल या धूप, पशुओं से आदि कई कारण हो सकते है। इसलिए महिलाओं को अपनी त्वचा पर बहुत ध्यान देना होगा नहीं तो यह एक्जिमा के कारण भी बन सकते है।
कमजोर इम्यूनिटी
जब महिला गर्भवती होती है तो कई महिलाओं की इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है। गर्भावस्था के दौरान यह समस्या आम हैं, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान यह समस्या महिलाओं को ज्यादातर होती है लेकिन अगर आपको ऐसा लग रहा है कि आपकी त्वचा में सूजन हो रही है, तो यही वजह है कि गर्भावस्था के दौरान कमजोर प्रतिरोधक क्षमता भी एग्जिमा का कारण हो सकता है।
अनुवांशिक
यह समस्या और मानसिक भी हो सकती है अगर किसी महिला के परिवार में उसकी माता को या फिर दूसरी महिला को गर्भावस्था के दौरान एग्जिमा हुआ था, तो हो सकता है कि उन महिलाओं को एग्जिमा हो सकता है क्योंकि कुछ समस्याएं पीढ़ी दर पीढ़ी तक चलती है और उनमें से ही एक एग्जिमा की समस्या भी है।
गर्भावस्था के दौरान एक्जिमा होने के लक्षणSymptoms Of Eczema Disease In Pregnancy In Hindi ?
जब गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को एग्जिमा हो जाता है तो उन्हें कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं जैसे कि –
त्वचा या शरीर में तेज खुजली होना
वैसे तो महिलाओं के शरीर में अनेकों प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं जिनकी वजह से महिलाओं के शरीर में खुजली भी हो सकती है, लेकिन यह लक्षण एक्जिमा का भी हो सकता है अगर गर्भावस्था के दौरान या गर्भावस्था से पहले ही महिलाओं के शरीर में यह समस्या देखी जाती है, तो उन महिलाओं को गर्भावस्था से पहले ही डॉक्टर से अपनी जांच करानी चाहिए।
अगर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान यह समस्या हो रही है तो हो सकता है उन महिलाओं को यह समस्या एक्जिमा की वजह से हो रही है।यदि आपके शरीर में बहुत ज्यादा खुजली होती है या आपकी त्वचा में खुजली होती है तो आपको अवश्य डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए आपको किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करनी चाहिए नहीं तो आपकी त्वचा को कोई नुकसान हो सकता है।
त्वचा में खरोच जैसे लाल निशान दिखाई देना
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में अनेकों बदलाव आते हैं क्योंकि महिलाओं के शरीर में हार्मोन बदलने लगते हैं इसकी वजह से महिलाओं की त्वचा पर भी बदलाव होने लगते हैं।हार्मोन बदलने की वजह से महिलाओं के शरीर में अनेकों प्रकार की समस्याएं हो सकती है।एक समस्या यह भी है कि महिलाओं के शरीर में और त्वचा पर लाल रंग के निशान होने लगते हैं
यह निशान ज्यादातर गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के पेट में ज्यादा होते हैं और महिलाओं के स्तन,जांघों के आसपास भी यह निशान हो जाते हैं। हार्मोन बदलने के कारण महिलाओं की त्वचा तेजी से फैलती है जिसकी वजह से त्वचा में निशान बन जाते हैं अगर आपकी शरीर में यह समस्या गर्भावस्था के दौरान हो रही हैं तो यह बात आम है अगर गर्भावस्था से पहले ही आपके शरीर में निशान होने लग रहे हैं तो यह एक्जिमा के लक्षण भी हो सकते हैं।
फफोले होना जिनके फूटने पर तरल पदार्थ बहना
खून के फफोले लाल या काले रंग के होते हैं जो साफ तरल पदार्थ की जगह खून से भरे होते हैं। अगर फफोले संक्रमित है तो यह लाल या कलें हो सकते हैं और हरे या पीले रंग के पस से भरे हो सकते हैं। कुछ फफोले दर्दनाक नहीं होते हैं लेकिन कुछ फफोले बहुत ज्यादा दर्दनाक होते हैं।
कभी-कभी ऐसा भी होता है कि आपके देखने से पहले हीफफोलें फट जाते हैं जिससे कभी-कभी रक्त भी आसकता है फफोले कें आसपास की त्वचा गहरे लाल रंग की होने लगती है जो फफोले फट जाते हैंतोवें बहुत ज्यादा दर्दनाक हो जाते हैं।यह सब लक्षण अगर आपको भी अपने शरीर में दिखाई देने लग रहे हैं तो हो सकता है यह लक्षण एक्जिमा के हो।
त्वचा पर घाव होना
कई बार ऐसा होता है किगर्भवती महिलाओं को कई बार चोट लगती है। कई बार ऐसा होता है महिला कुछ काम कर रही होती है तो काम करते समय महिला को त्वचा में कहीं चोट या घाव का निशान हो जाता है और अगर महिलाओं के साथ कुछ हादसा होता है तो
उसमें महिलाओं को किसी भी प्रकार की चोट लग जाती हैं।अगर गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में एक्जिमा की समस्या होती है तो महिलाओं का जल्दी से घाव नहीं भरता हैं।इसलिए आप समझ सकते हैं कि घाव जल्दी से क्यों नहीं भर रहा है इसकी यह वजह हो सकती है कि आपके शरीर में एक्जिमा की समस्या है।
गर्भावस्था के दौरान एग्जिमा का ट्रीटमेंट– Treatment of Eczema Disease In Pregnancy In Hindi ?
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में अगर एग्जिमा की समस्या हो जाती हैं, तो उन महिलाओं को लक्षण देखकर पता लग जाता है कि उनके शरीर में एक्जिमा की समस्या हो रही है इसलिए आप चाहो तो आप डॉक्टर की सलाह लेकर दवाइयां भी ले सकती हैं।
त्वचा की देखभाल करना
त्वचा की सही से देखभाल करने पर महिलाएं अपने शरीर में हो रहे एक्जिमा की समस्या को दूर कर सकते हैं। अगर महिला अपनी त्वचा का अच्छे से ध्यान रखती है, तो उसे किसी भी प्रकार की समस्या नहीं हो सकती है। इसलिए महिलाओं को अपनी त्वचा को शुष्क होने से बचाना चाहिए अगर वह अपनी त्वचा का ध्यान रखेंगे तो उनकी त्वचा में किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होंगी।
एक्जिमा के लिए दवाइयां
गर्भावस्था के दौरान एक्जिमा का उपचार करने के लिए गर्भवती महिलाओं को एक्जिमा से बचने के लिए डॉक्टर कुछ क्रीम का इस्तेमाल करने को कहते हैं। लेकिन आपको एक बात का ध्यान रखना होगा कि जब भी आप क्रीम का इस्तेमाल करेंगे तो आप अपनी मर्जी से इस क्रीम का इस्तेमाल ना करें,पहले आप डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स क्रीम
अगर गर्भावस्था के दौरान महिला इस क्रीम का इस्तेमाल करती है तो इस क्रीम से जो महिलाओं के त्वचा पर सूजन आती है तो वह सूजन इस क्रीम से ठीक हो जाती है। लेकिन आपको एक बात का ध्यान रखना होगा कि जब भी आप इस क्रीम का इस्तेमाल करेंगे, तो आपको इस क्रीम का इस्तेमाल ज्यादा नहीं करना हैं। अगर आप इस क्रीम का इस्तेमाल ज्यादा करेंगे तो कोई नुकसान हो सकता है और जब भी आप इस क्रीम का इस्तेमाल करेंगे तो पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
तनाव कम करना
अगर कोई महिला गर्भावस्था के दौरान तनाव में ज्यादा रहने लगती हैं, तो उन महिलाओं को एक्जिमा की समस्या ज्यादा हो सकती हैं। इसलिए महिलाओं को यह ध्यान देना होगा कि वह गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार का तनाव ना लें। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को हमेशा खुश रहना चाहिए अगर वह किसी प्रकार का तनाव लेती है तो यह गर्भवती महिला और उसके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता हैं।
साफ–सफाई रखना
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने शरीर की बहुत ज्यादा साफ सफाई रखनी चाहिए उन्हें रोजाना सुबह उठकर नहाना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अच्छे कपड़े और कोटन के हवादार कपड़े पहनने चाहिए जिससे कि उनके शरीर में पसीना सुकता रहें।अगर आप अपने स्वास्थ्य से स्वस्थ रहेंगे तो फिर आपको किसी भी प्रकार की कोई बीमारी नहीं होगी और ना ही आपको एक्जिमा की समस्या हो सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान एक्जिमा के घरेलू उपचार– Home remedies For Eczema Disease In Pregnancy In Hindi ?
अगर गर्भावस्था के दौरान आपको एक्जिमा की समस्या हो जाती है तो आप घरेलू उपचार से भी एक्जिमा की समस्या को कुछ दिनों के लिए कम कर सकते हैं। घरेलू उपाय गर्भवती महिला की त्वचा की नमी को बनाए रखते हैं और खुजली ,लालिमा और सूजन को कम कर सकते हैं। लेकिन आपको एक बात का ध्यान रखना होगा जो घरेलू उपचार हम आपको बता रहे हैं वह कुछ दिनों तक ही काम कर सकते हैं इसलिए आप इसे पूर्ण इलाज ना समझें।
गुनगुने पानी से नहाना
जब महिलाएं स्नान करती हैं तो उनकी त्वचा में नमी बनी रहती है, लेकिन आपको एक बात पर ध्यान देना होगा कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को ज्यादा गर्म पानी में नहीं नहाना चाहिए। उन्हें गुनगुने पानी में नहाना चाहिए और गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को ज्यादा समय तक भी नहीं नहाना चाहिए अगर गर्भवती महिलाएं ज्यादा गर्म पानी में नहाती हैं तो उसकि त्वचा में अलग-अलग प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं। उन्हें ज्यादा देर तक नहाने से त्वचा में खुजली भी हो सकती है इसलिए गर्भवती महिला को नहाते समय 5 या 10 मिनट से ज्यादा समय नहीं लगाना चाहिए।
मॉइश्चराइजर लगाएं
जब गर्भवती महिलाएं स्नान करती है तो स्नान करने के बाद गर्भवती महिलाओं को अपनी त्वचा पर मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करनाचाहिए।मॉइश्चराइजर आपकी त्वचा में नमी बनाए रखने में मदद कर सकता हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करना बहुत सही रहेगा, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान अच्छी गुणवत्ता और इसमें किसी भी प्रकार की सुगंध नहीं होती हैं। ऐसे में गर्भवती महिला को मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए।
लो पीएच प्रोडक्ट
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कम पीएच वाले फेस वॉश या नहाने का साबुन यूज़ करना चाहिएजिसमें किसी भी प्रकार की सुगंध ना हों। क्योंकि अगर आप अधिक पीएच वाले साबुन का यूज करते हैं तो आपकी त्वचा रूखी हो सकती है जोकि एग्जिमा की समस्या और ज्यादा बढ़ा सकते हैं। जैसे साबुन क्लींजर या जेल कम एलर्जी वाले हो सकते हैं और इनमें सुगंध भी कम होती है अगर आप अधिक पीएच वाले साबुन या फेस वॉश का यूज करते हैं तो त्वचा या शरीर पर एलर्जी अधिक हो सकती हैं। इसलिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पीएच का सेवन करना चाहिए जिसने सुगंध ना हो।
Conclusion –
गर्भवती महिलाओं को एक्जिमा किस प्रकार नुकसान पहुंचा सकता है और उनकी त्वचा इस बीमारी से किस हद तक प्रभावित हो सकती है इसके बारे में हमने आपको बता दिया हैं।इसी के साथ-साथ हमने आपको एक्जिमा के लक्षणों के बारे में भी पूरी जानकारी दी हैं, ताकि गर्भावस्था में महिलाओं को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो और वेंइस बीमारी को तुरंत समय रहते ही पहचान लें।
इसी के साथ साथ हमने आपको इस आर्टिकल में Causes Of Eczema Disease During Pregnancy In Hindi तथा Symptoms Of Eczema Disease In Pregnancy In Hindi के साथ-साथ Prevention From Eczema Disesse In Pregnancy In Hindi तथा Treatment Of Eczema Disease In Pregnancy In Hindiके बारे में भी पूरी जानकारी दी हैं।