Diaper For Kids: नवजात शिशु के डायपर से संबंधित कुछ मुख्य बातें जानिए डायपर के फायदे और नुकसान ?| Important things related to Diapers For Newborn Baby , Advantages and Disadvantages of Diapers in Hindi


जब नवजात शिशु जन्म लेता है तो उसके जन्म के पश्चात उसके माता-पिता को डायपर से संबंधित बातों का भी ख्याल रखना पड़ता है क्योंकि डायपर की भी बच्चे के जीवन में अहम भूमिका होती है यदि आपको अपने बच्चे को कहीं लेकर जाना हैं, तो आप बार-बार उसके कपड़े तो नहीं बदल सकते लेकिन उस समय पर आप अपने बच्चे को डायपर पहना कर के कपड़ों को गंदा होने से बचा सकते हैं। इसीलिए माता-पिता को डायपर खरीदते समय या बच्चे को डायपर बनाते समय बहुत सी बातों का ख्याल रखना पड़ता हैं, क्योंकि कई मामलों में डायपर के कारण बच्चे को नुकसान भी पहुंच सकते हैं।

डायपर के फायदों के साथ-साथ डायपर के नुकसान भी बहुत होते हैं। इसलिए आपको Diaper Ke Fayde Aur Nuksan अच्छी तरह पता होनी चाहिए तभी आप अपने बच्चे को भी टाइप कर के कारण होने वाले नुकसान से बचा सकते हैं अगर डायपर से संबंधित बातों का ख्याल आप रख लेते हैं, तो आप बचपन में होने वाली बीमारियों से बच्चे को काफी हद तक बचा सकते हैं,

Table Of Content Of Diaper For Kids in Hindi

इसीलिए आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको Best Diaper For Kids In Hindi तथा Diaper Ke Nuksan In Hindi इसके बारे में बताएंगे। इसी के साथ-साथ हम आपको Diaper Rash Se Bachne Ke Upay तथा Diaper Rash Treatment For Baby In Hindi के बारे में भी विस्तार से बताएंगे।

Diaper For Kids: नवजात शिशु के डायपर से संबंधित कुछ मुख्य बातें जानिए डायपर के फायदे और नुकसान ?| Important things related to Diapers For Newborn Baby , Advantages and Disadvantages of Diapers in Hindi

डायपर कितनी तरह के होते हैं – Types Of Diaper For kids In Hindi ?

वैसे तो दुनिया में अलग-अलग देशों में विभिन्न प्रकार के डायपर का इस्तेमाल बच्चों को पहनाने के लिए किया जाता है, लेकिन आमतौर पर तो हमारे देश में ज्यादा सा है Disposable Diaper या फिर Cloth Diaper बच्चों को पहनाए जाते हैं इन दोनों ही डायपर की विशेषताएं अलग-अलग होती है जैसे कि :-

डिस्पोजेबल डायपर ( Disposable Diaper )

डिस्पोजेबल डायपर का इस्तेमाल आमतौर पर हमारे देश में काफी ज्यादा किया जाता है। Disposable Diaper काफी सस्ता भी होता है लेकिन Disposable Diaper का इस्तेमाल सिर्फ एक ही बार किया जा सकता है और जब यह गंदा हो जाता है तो फिर इसको तुरंत ही बाहर फेंकना पड़ता है अक्सर लोग सफर के दौरान अपने बच्चों को यही डायपर पहनाते हैं, क्योंकि इस डायपर का एक बार इस्तेमाल हो जाने के पश्चात इसे फेंक दिया जाता है।

2. कपड़े का डायपर ( Cloth Diaper )

हमारे देश में कपड़े का डायपर ( Cloth Diaper )भी काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। कपड़े के डायपर हो आप दिन भर भी अपने बच्चे को पहना कर रखें तो भी इसका कोई बुरा असर बच्चे को नहीं पड़ता कपड़े के डायपर ( Cloth Diaper ) का इस्तेमाल एक बार किए जाने के पश्चात आप इसको बार-बार धोकर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका यही सबसे बड़ा फायदा है कि यह डायपर बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। भारत में ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में तो इसी प्रकार का डायपर इस्तेमाल किया जाता है।

छोटे बच्चों को डायपर पहनाना क्यों जरूरी है – Why is it Important for Young Children to Wear Diapers In Hindi ?

छोटे बच्चों को Diaper पहनाना इसीलिए आवश्यक होता है, क्योंकि रात के वक्त यदि छोटे बच्चों को मल मूत्र करना है तो वह आसानी से Diaper में कर सकते हैं। इस प्रकार कान के नीचे Bed-Sheet भी गंदी नहीं होगी क्योंकि Diaper पेशाब या मल को  बाहर नहीं आने देता जिसकी वजह से बेडशीट पूरी तरह साफ हैं।

अगर आपको कहीं सफर करना है या फिर अपने बच्चे को कहीं बाजार में लेकर जाना है या डॉक्टर के पास लेकर जाना है तो उसमें भी आप अपने बच्चे को डायपर पहनाना सकती हैं, क्योंकि छोटे बच्चों को आदत होती है कि वह बार-बार पेशाब करते हैं। यदि आप उनको डायपर पहना कर रखेंगे तो जब वह पेशाब करेंगे तो पेशाब Diaper से बाहर नहीं आएगा इस प्रकार आप अपने घर पर आकर वह डायपर पर बदल सकती हैं।

अगर किसी के बच्चे की तबीयत खराब हो चुकी है और उसकी वजह से उसे दस्त लग गए हैं तो उसी स्थिति में भी आप अपने बच्चे को डायपर पहना सकती हैं, क्योंकि डायपर पहनाने से बार-बार कपड़े बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यदि आपके बच्चे को दस्त लग जाते हैं, तो वह बार-बार आपको परेशान करता है इसीलिए उस स्थिति में डायपर पहनाना ही ठीक रहता है।

Diaper पहनाकर आप को इस बात का बिल्कुल भी खतरा नहीं रहता कि आपके बच्चे के पेशाब करने के कारण उसके कपड़े गंदे हो सकते हैं या फिर आपके कपड़े गंदे हो सकते हैं इसलिए छोटे बच्चों को डायपर बनाया जाता है। आज के समय में तो महिलाएं रात के समय भी अपने बच्चों को डायपर पहना कर सुलाती हैं ताकि उन्हें रात भर अपने बच्चे के कपड़े ना बदलने पड़े।

Diaper For Kids: नवजात शिशु के डायपर से संबंधित कुछ मुख्य बातें जानिए डायपर के फायदे और नुकसान ?| Important things related to Diapers For Newborn Baby , Advantages and Disadvantages of Diapers in Hindi

कपड़े के डायपर के फायदे – Benefits Of Cloth Diaper In Hindi ?

डिस्पोजेबल डायपर से ज्यादा कपड़े के डायपर के फायदे होते हैं क्योंकि कपड़े का डायपर रिश्ते माल करने के कारण बच्चा कई प्रकार की बीमारियों से भी बचा रहता है, इसीलिए बच्चों के डॉक्टर के द्वारा भी कपड़े के एक डायपर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

  • कपड़े का डायपर काफी सस्ता होता है इसीलिए इसको हर कोई व्यक्ति खरीद सकता है और यह बाजार में आसानी से उपलब्ध भी रहता है जिसकी वजह से आपको इसे खरीदने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
  • कपड़े का डायपर इस्तेमाल करने का सबसे बड़ा फायदा तो यही है की कपड़े का डाई पर इस्तेमाल करने से आपके बच्चे की त्वचा पर किसी भी प्रकार की निशान नहीं पड़ते, जबकि दूसरे डायपर का इस्तेमाल करने से बच्चे की कोमल त्वचा पर लाल रंग के निशान भी पड़ जाते हैं लेकिन कपड़े का डायपर इस्तेमाल करने से इस बात का खतरा भी कम हो जाता है।
  • कपड़े का डायपर इस्तेमाल करने से बच्चे की त्वचा पर रैशेज नहीं होते जबकि दूसरा टाइप का इस्तेमाल करने के कारण बच्चे की त्वचा पर रैशेज हो सकते हैं और बच्चे को खुजली भी हो सकती है इसीलिए ग्रामीण इलाकों में कपड़े का डायपर ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
  • कपड़े के डायपर का इस्तेमाल अनेकों बार किया जा सकता है आप जब तक चाहे जब तक इस डायपर का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि कपड़े के डायपर को धोना बहुत ही आसान होता है इसीलिए आप ही से धो कर फिर से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • कपड़े का डायपर पहनने से बच्चों को बिल्कुल भी बेचैनी नहीं होती क्योंकि बच्चों के जनन अंगों का तापमान शरीर के बाकी अंगों की अपेक्षा काफी ज्यादा होता है और यदि आप बच्चे को डिस्पोजेबल डायपर पूरा दिन पहना कर रखेंगे तो उसके कारणों से बेचैनी हो सकती है, लेकिन कपड़े के डायपर में आपके बच्चे को बिल्कुल भी बेचैनी नहीं होती क्योंकि कपड़े का डायपर बच्चे के तापमान को संतुलित रखता है जिसके कारण उसे गर्मी भी नहीं लगती।
  • कपड़े के डायपर को बनाने के लिए किसी भी प्रकार के हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता लेकिन डिस्पोजेबल डायपर को बनाने के लिए अनेकों प्रकार के केमिकल का इस्तेमाल होता है। इसीलिए कपड़े का डायपर जमाल करने से बच्चे को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचता, क्योंकि कपड़े का डायपर बिल्कुल साधारण होता है उसमें किसी भी प्रकार की कोई मिलावट नहीं होती।
  • कपड़े के डायपर का वजन बहुत ही कम होता है जिसके कारण आप अपने बच्चे को जितनी चाहे उतनी देर कपड़े का डायपर पहना सकते हैं उसको बिल्कुल भी बेचैनी नहीं होगी लेकिन दूसरे डायपर में बच्चे को ज्यादा देर तक रहने पर बेचैनी हो जाती है।

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डिस्पोजेबल डायपर के फायदे – Benefits Of Disposable Diaper In Hindi ?

डिस्पोजेबल डायपर के अनेकों फायदे होते हैं जैसे कि :-

  • अगर आप कहीं पर लंबी यात्रा कर रहे हैं और उस लंबी यात्रा के दौरान आप नहीं चाहते कि आपको बार-बार अपने बच्चे के कपड़े बदलने पड़े तो इस स्थिति में आप बच्चे को Disposable Diaper पहना सकती हैं और जब भी आपको ऐसा लगता है कि आपके बच्चे ने उसमें मल मूत्र किया है, तो उस समय आप उस डायपर को निकाल कर बाहर फेंक सकती हैं और दूसरा डायपर पहना सकती हैं।
  • अक्सर रात के समय बच्चा काफी पेशाब करता है। यदि रात के समय बच्चे को Disposable Diaper पहनाया जाए, तो वह काफी सही रहता है, क्योंकि डिस्पोजेबल डायपर से जब तक कुछ भी बाहर नहीं आता जब तक आप उसे उतार ना दें।
  • Disposable Diaper आसानी से हर जगह उपलब्ध होता है, इसीलिए आपको भारत के किसी भी ग्रामीण इलाके से भी डिस्पोजेबल डायपर को आसानी से खरीद सकते हैं।
  • Disposable Diaper को अपने साथ ले जाने की आवश्यकता नहीं होती आप यदि कहीं पर जा रहे हैं तो आप एक बार बच्चे को घर से डायपर पहना कर ले जा सकते हैं और रास्ते में आप कहीं से भी Disposable Diaper खरीद सकते हैं यह आपको आसानी से मिल जाएगा।

कपड़े वाले डायपर के नुकसान – Disadvantages of Cloth Diapers In Hindi ?

कपड़े वाले डायपर के फायदे तो बहुत होते हैं, लेकिन इसके फायदों के साथ-साथ इसके काफी ज्यादा नुकसान भी होते हैं जैसे कि :-

  • कपड़े वाले डायपर का सबसे बड़ा नुकसान तो यह है की Cloth Diapers पेशाब या मल को ज्यादा देर तक नहीं रोक पाता यदि बच्चे ने Cloth Diapers में पेशाब कर दिया है तो आपको इसे तुरंत ही बदलना होगा।
  • कपड़े का डायपर पहनाने का सबसे बड़ा नुकसान यह भी है कि, आपको कपड़े का डायपर गंदा हो जाने के पश्चात उसे बार-बार धोना होता है और धोनें के कारण आपका समय भी बर्बाद होता है।
  • आपको यदि कहीं पर सफर करना हैं, तो सफर के समय आप अपने बच्चे को Cloth Diaper पहनाकर अपने साथ नहीं ले जा सकते क्योंकि रास्ते में यदि आपके बच्चे ने तो साफ कर दिया तो आपको रास्ते में ही कपड़े का डायपर बदलना पड़ सकता है। इसीलिए कपड़े के डायपर का सबसे बड़ा नुकसान तो यही है।
  • यदि आपने अपने बच्चे को रात के समय कपड़े का डायपर पहनाया हुआ है और रात के समय यदि वह पेशाब करता है तो उस समय आपको तुरंत ही Cloth Diaper बदलना होगा, क्योंकि रात के समय ज्यादा देर तक गिला रहने के कारण बच्चे की तबीयत भी खराब हो सकती है।

डिस्पोजेबल डायपर का सबसे बड़ा नुकसान क्या है – Big Disadvantage Of Disposable Diaper In Hindi ?

  • disposable diaper का सबसे बड़ा नुकसान तो यही है कि जब आप इस डायपर को अपने बच्चे के शरीर से निकाल कर कहीं बाहर फेंकते हैं तो यह डायपर वातावरण को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाता हैं, क्योंकि इस डाइपर को बनाने के लिए अनेकों प्रकार के केमिकल का इस्तेमाल होता है।
  • जब disposable diaper को आप बाहर फेंक देते हैं तो यह अगर मिट्टी के अंदर चला जाए तो फिर यह मिट्टी को दूषित करता है और अगर disposable diaper  पानी के अंदर चला जाए तो पानी को दूषित करता है ठीक इसी प्रकार यदि कूड़े को जलाया जाए और कूडें के साथ disposable diaper को जला दिया जाए तो यह वातावरण में बहुत ज्यादा प्रदूषण फैलाता हैं, जोकि मनुष्यों सहित पृथ्वी पर रहने वाले किसी भी जीव जंतु के लिए सही नहीं है इसीलिए वैज्ञानिकों के द्वारा भी यही कहा जाता है कि आप disposable diaper का इस्तेमाल जितना कम करें उतना ही अच्छा होगा।
  • disposable diaper को जब आप 2 से 3 घंटे तक अपने बच्चे को लगातार पहना कर रखते हैं, तो उसके कारण आपके बच्चे के पेट और कमर पर भी निशान पड़ जाते हैं जिनमें बाद में खुजली भी होती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि disposable diaper काफी टाइट होता है।
  • अगर आप disposable diaper को ज्यादा देर तक अपने बच्चे को पहना कर रखते हैं तो इसके कारण बच्चे की त्वचा पर रैशेज भी हो सकते हैं और यहां तक कि उसे skin infection होने का खतरा भी रहता है इसीलिए disposable diaper बच्चों को को ज्यादा देर तक नहीं पहनना चाहिए।
  • disposable diaper का इस्तेमाल अब बार-बार नहीं कर सकते, यदि आप तो एक बार इसका इस्तेमाल कर ले तो उसके बाद आपको इसे बाहर फेंकना ही पड़ता हैं। इस प्रकार यदि आपको दिन में सात आठ बार डायपर का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपको बहुत ही महंगा पड़ेगा इसीलिए cloth diaper  इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती हैं।यदि आप कहीं बाहर जा रहे हैं तो उस समय आप इस डायपर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

बच्चे को डायपर पहनाते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए – What Should be Taken Care of while Wearing a Diaper for a Baby In Hindi ?

कई बार आप अपने बच्चे को Diaper पहनाने में भी बहुत सी गलतियां करते हैं जिसके कारण बच्चे को काफी नुकसान पहुंचता हैं। इसलिए अब हम इसके बारे में बता रहे हैं कि बच्चों को डायपर पहनाते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए ताकि आप अपने बच्चे को स्वस्थ रख सकें।

Diaper For Kids: नवजात शिशु के डायपर से संबंधित कुछ मुख्य बातें जानिए डायपर के फायदे और नुकसान ?| Important things related to Diapers For Newborn Baby , Advantages and Disadvantages of Diapers in Hindi
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जब आपका बच्चा डायपर गंदा कर देता है तो उस समय आपको Diaper निकालने के पश्चात गुनगुना पानी करके उसमें रूई को डुबोकर उस रूई से अपने बच्चे को पूरी तरह साफ कीजिए। ध्यान रहे कि आपको बिल्कुल हल्के हाथों से रूई से अपने बच्चे को साफ करना है और बच्चे को अच्छी तरह साफ करने के पश्चात यदि गर्मी का मौसम हैं, तो उसे थोड़ी देर ऐसे ही पड़ा रहने दीजिए ताकि पानी अच्छे से सूख जाए और यदि सर्दी का मौसम है, तो बच्चे को साफ करके कंबल में ऐसे ही लेटा दीजिए और फिर सूखने के पश्चात उसे कपड़े पहनाइए इस प्रकार डायपर के कारण होने वाले नुकसान से आपका बच्चा बच जाएगा।

डायपर हमेशा ढीला कर के ही बच्चों को पहनाना चाहिए, क्योंकि टाइट डायपर पहनने के कारण आपके बच्चे की त्वचा पर निशान पड़ सकते हैं, इसलिए डायपर को हमेशा ढीला बांधे।

अगर बच्चे ने डायपर को गंदा कर दिया है तो डायपर गंदा हो जाने के तुरंत बाद ही आपको Diaper बदलना चाहिए। यदि ज्यादा देर तक बच्चा गंदा डायपर पहने रखेगा तो उसके कारण उसे एलर्जी हो सकती है।

जब आप अपने बच्चे का Diaper बदल रहे हो, तो उस समय बच्चे के हाथ में आपको खिलौना दे देना चाहिए, ताकि वह आराम से खेलता रहे और आप आसानी से डायपर को बदल दें।

आपको अपने बच्चे को डायपर की आदत नहीं डालनी चाहिए और ज्यादा देर तक अपने बच्चे को डायपर नहीं पहनाना चाहिए। जब आपको ज्यादा जरूरत पड़े तो तभी डायपर पहनाए। इसके अतिरिक्त आप अपने बच्चे को यदि खुली हवा में भी रखते हैं तो उसे स्वस्थ रहने में मदद मिलती हैं। इसीलिए डायपर के बिना अपने बच्चे को थोड़ी देर हवा में ऐसे ही रहने दे याद रहे आपको यह सिर्फ गर्मियों के मौसम में ही करना हैं, क्योंकि सर्दियों के मौसम में यदि आप अपने बच्चे को ऐसे ही बढ़ा देते हैं तो उसे ठंड भी लग सकती हैं।

बच्चे को डायपर के कारण त्वचा पर रैशेज हो जाने पर क्या करें – What to do if Baby gets Skin Rash Due to Diaper In Hindi ?

डायपर के कारण बच्चे की त्वचा पर रैशेज होना आम बात है लेकिन इनका तुरंत ही इलाज करना पड़ता है, क्योंकि बच्चे की त्वचा खराब भी हो सकती है इसलिए आपको इसके इलाज के बारे में भी पता होना चाहिए।

1. नारियल का तेल ( Coconut Oil )

अगर डायपर के कारण आपके बच्चे की त्वचा पर रैशेज हो गए हैं, तो आपको उन्हें ठीक करने के लिए अपने बच्चे की त्वचा पर दिन में 3 से 4 बार Coconut Oil लगाना चाहिए। क्योंकि Coconut Oil त्वचा संबंधित बीमारियों में रामबाण सिद्ध होता हैं। इसीलिए Coconut Oil को प्राचीन काल से त्वचा संबंधित है बीमारियों में इस्तेमाल भी किया जाता है और आप यदि अपने शिशु की त्वचा पर इसका इस्तेमाल करते हैं, तो आपको 8 से 10 दिन में ही काफी अच्छा रिजल्ट देखने को मिलेगा।

2. टी ट्री ऑयल ( Tea Tree Oil )

जहां पर त्वचा से संबंधित कोई बात आती है तो Tea Tree Oil का नाम भी सबसे पहले आता है क्योंकि यह भी त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता हैं। इसलिए आपके बच्चे की त्वचा पर यदि रैशेज हो गए हैं तो आप उन पर रोजाना तीन से चार बार Tea Tree Oil की Massage कीजिए। इस प्रकार भी आपके बच्चे की त्वचा 6 से 7 दिन में ही पहले जैसी होने लगेगी।

3. पेट्रोलियम जेली ( Petroleum Jelly )

आप अपने बच्चे की त्वचा को पहले जैसी करने के लिए Petroleum Jelly का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। आप यदि रोजाना तीन से चार बार Petroleum Jelly की मसाज अपने शिशु की त्वचा पर करते हैं तो इस प्रकार भी उसकी त्वचा पर हुए रैशेज ठीक होने लगेंगे।

4. एलोवेरा जेल ( Aloe Vera Gel )

एलोवेरा जेल त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता हैं। इसीलिए त्वचा की अनेकों प्रकार की समस्याओं में Aloe Vera Gel का इस्तेमाल किया भी जाता है यदि आपके बच्चे की त्वचा पर रैशेज हो गए हैं, तो आप एलोवेरा जेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको रोजाना तीन से चार बार अपने बच्चे की त्वचा पर एलोवेरा जेल लगाना है और यह Aloe Vera Gel कम से कम 30 मिनट तक लगे रहने देना है और उसके पश्चात इसे गुनगुने पानी की सहायता से साफ कर देना है, इस प्रकार भी आपके बच्चे की त्वचा ठीक हो जाएगी।

5. गाय का कच्चा दूध ( Raw Cow Milk )

गाय का कच्चा दूध भी त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है, इसीलिए आप अपने बच्चे की त्वचा पर रैशेज हो जाने के पश्चात उन्हें ठीक करने के लिए गाय के कच्चे दूध का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक कटोरी में गाय का कच्चा दूध लेना है और रुई की सहायता से अपने बच्चे की त्वचा के प्रभावित क्षेत्र पर 5 से 10 मिनट तक लगाना है, इस प्रकार भी आपके बच्चे की त्वचा ठीक होने लगेगी।

Warning :

अगर आपने यह सभी नुस्खे 10 से 15 दिन तक अपने बच्चे की त्वचा पर आजमा के देख लिए हैं और फिर भी यदि बच्चे की त्वचा में कोई भी सुधार नहीं है और उसकी त्वचा पर रैशेज के साथ-साथ यदि दाने भी हो रहे हैं, तो इस परिस्थिति में आपको बिल्कुल भी देर नहीं करनी चाहिए और तुरंत ही बच्चों के त्वचा के डॉक्टर के पास जाना चाहिए, क्योंकि त्वचा के रैशेज तो ठीक भी हो जाते हैं लेकिन बच्चे की त्वचा पर अगर दाने भी निकल रहे हैं, तो यह त्वचा संबंधित किसी और बीमारी का संकेत भी हो सकते हैं।

इसीलिए इन मामलों में देरी नहीं करनी चाहिए और डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए। क्योंकि सभी बच्चों की त्वचा अलग-अलग होती हैं कुछ बच्चों पर तो घरेलू नुस्खे काम कर जाते हैं लेकिन किसी किसी बच्चे पर घरेलू नुस्खे काम नहीं करते, इसीलिए इस प्रकार के बच्चों को तुरंत ही डॉक्टर के पास ले जाना जरूरी होता हैं।

Conclusion –

डायपर के कारण आपके बच्चों की त्वचा को किस प्रकार नुकसान पहुंच सकता है और आपको कौन सा डायपर इस्तेमाल करना चाहिए कौन सा नहीं करना चाहिए इन सब के बारे में हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम से बता दिया हैं। इसके अतिरिक्त आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने Best Diaper For Kids In Hindi तथा Diaper Ke Nuksan In Hindi के बारे में जाना हैं।

इसी के साथ से आज हमने आपको Skin Rashes Treatment For Baby In Hindi तथा Diaper Rash Treatment For Baby In Hindi के बारे में बताया हैं। अभी भी आपको हमसे Benefits And Side Effect Of Diaper In Hindi के बारे में कोई भी सवाल पूछना हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करें। धन्यवाद

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Ankit is a health and fitness Blogger having experience working for various Multi-National Organizations as an Information Technology Specialist, Content Writer, and Content Manager. He loves blogging and right now he is enjoying his journey of exploring health and fitness-related blogs and stuff. He is actively involved in Yoga and other modes of fitness and has various certificates for the same. He has a lot of experience in Hindi writing as well as in English writing likes to read books and travel to different places.

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