Babies Massage : शिशु की मालिश करना क्यों जरूरी होता हैं – जानिए मालिश करने से होने वाले अनेकों फायदे ? | 9 Benefits of Baby Massage in Hindi

Table Of Content Of Babies Massage in Hindi

जब आपके घर में मुन्ने बच्चे का जन्म होता हैं, तो बच्चे का जन्म होने के पश्चात आपको शुरुआत से ही सभी बातों का ख्याल रखना पड़ता हैं, क्योंकि थोड़ी सी भी लापरवाही के कारण आपके बच्चे को काफी ज्यादा नुकसान पहुंच सकता हैं।


इसलिए आपको सर्दी गर्मी क्या बरसात के मौसम में भी बच्चे का अधिक ख्याल रखना पड़ता हैं, क्योंकि जब भी मौसम बदलता है तो मौसम बदलने के साथ-साथ अनेकों बीमारियां भी जन्म लेती हैं जो कि बच्चे को अपना शिकार बना सकते हैं जब बच्चा जन्म ले लेता हैं, तो जन्म के पश्चात से ही माताएं बच्चों की अच्छे से मालिश भी करती हैं, क्योंकि मालिश करना बेहद ही जरूरी होता है मालिश करने से ही बच्चा आने वाले समय में स्वस्थ रह पाता हैं।


अगर हम अपने बच्चे को मालिश Babies Massage नहीं करेंगे तो आने वाले समय में वह काफी कमजोर रहेगा और यदि उसकी बचपन से ही अच्छी तरह मालिश करते हैं, तो उसकी मांसपेशियां काफी मजबूत बन जाती है और वह दूसरे बच्चों की अपेक्षा काफी मजबूत बन जाता हैं। मालिश करने से बच्चे कई प्रकार की बीमारियों से भी बचे रहते हैं, इसीलिए मालिश करना बहुत ही आवश्यक होता हैं।


आज हम इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको Bacho Ki Maalish Kyu Jaruri Hai तथा Bacho Ki Maalish Karne Ke Fayde इसी के साथ-साथ हम आपको Bacho Ki Maalish Kaise Kare तथा Bacho Ki Maalish Kon Se Oil Se Kare इसके बारे में भी बताएंगें, ताकि आप अपने बच्चे के स्वास्थ्य का अच्छे से ख्याल रख सकें।

Babies Massage : शिशु की मालिश करना क्यों जरूरी होता हैं – जानिए मालिश करने से होने वाले अनेकों फायदे ? | 9 Benefits of Baby Massage in Hindi

शिशु कि मालिश करनी कब से शुरू करें – When to start Babies Massage In Hindi ?

जब आपका बच्चा जन्म लेता हैं, तो आपको जन्म लेने के पश्चात पहले ही हफ्ते से शिशु की मालिश करना शुरू कर सकते हैं। यदि आप शुरुआत से ही बच्चे की मालिश करना जारी रखते हैं, तो इस प्रकार आपका बच्चा बिल्कुल स्वस्थ रहता है और उसे अपने जीवन में कभी भी हड्डियों से संबंधित है या मांसपेशियों से संबंधित बीमारी भी नहीं होती, आपको बच्चे के जन्म के 1 हफ्ते के बाद से लेकर जब तक मालिश करते रहना चाहिए।


जब तक आपका बच्चा कम से कम 24 महीने का नहीं हो जाता, क्योंकि इतने लंबे समय तक रोजाना मालिश करने से आपके बच्चे किस शरीर की मांसपेशियों तक तेल पहुंचता है जिससे बच्चा बिल्कुल स्वस्थ रह पाता हैं। इसके अतिरिक्त भी Maalish Karne Ke Fayde अनगिनत हैं जिनके बारे में हम आपको आगे विस्तार से बताएंगे।


शिशु को मालिश करने के फायदे – Benefits Of Babies Massage In Hindi ?

अगर हम बच्चे के जन्म से ही बच्चे को मालिश करनी शुरू कर देते हैं, तो मालिश करने से अनेकों फायदे होते हैं जैसे कि :-

मस्तिष्क को आराम


यदि आप रोजाना अपने बच्चे की मालिश Baby Massage करती हैं तो इस प्रकार बच्चे की मांसपेशियों को बहुत ही आराम पहुंचता हैं। आपको नहीं पता तो हम बता दें कि दिनभर पड़े रहने के कारण भी बच्चे की मांसपेशियां काफी ज्यादा थक जाती हैं। इसीलिए बच्चे की मांसपेशियों की मालिश करना बेहद जरूरी होता हैं, क्योंकि मालिश करने से बच्चे की मांसपेशियों की पूरी थकान दूर हो जाती है और उन्हें बहुत ज्यादा आराम मिलता हैं।

मांसपेशियों की मजबूती

Babies Massage : शिशु की मालिश करना क्यों जरूरी होता हैं – जानिए मालिश करने से होने वाले अनेकों फायदे ? | 9 Benefits of Baby Massage in Hindi


रोजाना अपने छोटे बच्चे की मालिश करने से आपके छोटे बच्चे की मांसपेशियां काफी ज्यादा मजबूत बन जाती हैं। आज के समय में तो जब व्यक्ति 35 से 40 साल की उम्र में पहुंचता है तो उसे अनेकों प्रकार की मांसपेशियों से संबंधित बीमारियां हो जाती हैं। अगर आप बचपन से ही अपने बच्चे की मालिश करती हैं, तो इस प्रकार आपका बच्चा मांसपेशियों की बीमारी में बढ़ती उम्र के साथ-साथ भी बचा रहता हैं।

हड्डियों की मजबूती

अगर आप रोजाना 2 साल की उम्र तक अपने बच्चे की दिन में दो बार मालिश करती हैं, तो मालिश करने से आपके बच्चे की हड्डियां भी काफी मजबूत बनती हैं क्योंकि जब आप मालिश करती हैं, तो आपके बच्चे की हड्डियों तक तेज पहुंचता हैं। इसलिए आपको ऐसा भी कहा जाता है कि आपको 20 से 25 मिनट तक अपने बच्चे की मालिश करनी है ताकि त्वचा के अंदर तक तेल चला जाए। बच्चे की बचपन से ही मालिश करने पर वह बढ़ती उम्र के साथ-साथ हड्डियों से संबंधित होने वाली बीमारियों से भी बचा रहता हैं।

पसलियों की मजबूती

अगर आप रोजाना अपने बच्चे की मालिश करती हैं, तो मालिश करने से आपके बच्चे की पसलियां काफी मजबूत बनती हैं बच्चे के शरीर में पसलियों की अहम भूमिका होती हैं। इसलिए आपको पसलियों की मजबूती करने के लिए रोजाना बच्चे की अच्छे से मालिश करनी चाहिए तभी आपका बच्चा आगे स्वस्थ रह पाता हैं।

विकास में बढ़ोत्तरी

अगर आप अपने बच्चे की रोजाना मालिश करती हैं तो रोजाना मालिश करने से आपका बच्चा काफी तेजी से विकसित होता हैं, क्योंकि मालिश करने से बच्चे के शरीर के विभिन्न अंगों को भरपूर मात्रा में पोषण मिलता है जिससे कि बच्चे का विकास और भी ज्यादा तेजी से होना शुरू हो जाता हैं। इसीलिए बच्चे को मालिश करने बेहद जरूरी होती है, क्योंकि एक बेहतर विकास के लिए बच्चे को बचपन से ही मजबूत बनाना पड़ता हैं।

रक्त संचार ठीक रहता है

रोजाना छोटे बच्चे की मालिश करने से बच्चे के शरीर में रक्त संचार बिल्कुल ठीक रहता हैं। आज के समय में बच्चे की माता की खराब जीवनशैली की वजह से बच्चे को रक्त संचार से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसीलिए बच्चे के जन्म से ही बच्चे की मालिश करना आवश्यक होता है, ताकि उसे रक्त संचार से संबंधित समस्याओं से बचाया जा सके बच्चे की मालिश बचपन में इसीलिए की जाती है ताकि उसके शरीर में रक्त संचार सही से रहे।

छोटी-मोटी बीमारियों से बचाव


बच्चे के जन्म के पश्चात से ही उसकी मालिश करने से आपका बच्चा बचपन से ही बीमारियों से बचा रहता हैं। कई बार मौसम बदलने के कारण आपके बच्चे को सर्दी खांसी जुकाम के लक्षण दिखाई देते हैं जिसकी वजह से उसको काफी ज्यादा थकान भी हो जाती हैं, मगर बच्चे को रोजाना मालिश करने से बच्चा इस प्रकार की छोटी-मोटी बीमारियों से मौसम बदलते समय भी आसानी से बचा रहता हैं, क्योंकि बच्चे की रोजाना मालिश करने से बच्चा अंदर से भी मजबूत बन जाता है जिसकी वजह से वह बिल्कुल स्वस्थ रह पाता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी

जब छोटे बच्चों का जन्म होता है तो उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत ही कमजोर होती हैं। इसीलिए वह आसानी से किसी भी छोटी मोटी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं लेकिन बचपन से ही बच्चे की रोजाना मालिश की जाए, तो बच्चे को अनेकों प्रकार की बीमारियों से बचाया जा सकता हैं, क्योंकि मालिश करने से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी काफी बढ़ोतरी होती है जिसकी वजह से आपके बच्चे के शरीर को इतनी क्षमता मिल जाती है कि वह अनेकों प्रकार की बीमारियों से बच सकें, इसीलिए छोटे बच्चों की मालिश करना बेहद ही आवश्यक होता हैं।

त्वचा संबंधित बीमारियों से बचाव


काफी बार छोटे बच्चों को बचपन में त्वचा से संबंधित बीमारियां भी आसानी से हो जाती हैं क्योंकि बच्चे की त्वचा बहुत ही संवेदनशील होती हैं। इसीलिए वह आसानी से किसी भी प्रकार के छोटे-मोटे बैक्टीरिया के संपर्क में आते ही संक्रमित हो जाती है, लेकिन जब आप रोजाना अपने बच्चे की मालिश करते हैं तो मालिश करने से उसकी त्वचा भी काफी मजबूत बन जाती है। यदि उसकी त्वचा पर बैक्टीरिया मौजूद भी हैं तो वह मालिश करने के दौरान खुद ही नष्ट हो जाते हैं। इसीलिए बच्चे की मालिश करना आवश्यक होता है, क्योंकि मालिश करने से आपका बच्चा हर तरह से स्वस्थ रह सकता है।

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बच्चों की मालिश कैसे करनी चाहिए – How to massage baby?


जब आप अपने शिशु की मालिश करना शुरू करते हैं, तो आपको शिशु की टांगों से मालिश करना शुरू करना चाहिए और सिर पर मालिश करना खत्म करना चाहिए। इस प्रकार आपका बच्चा मालिश कराते समय नहीं रोएगा, क्योंकि छोटे बच्चों को टांगों पर हाथ लगवाने की आदत होती हैं क्योंकि जब आप उनकी नैपी बदलते हैं तो उस समय टांगो पर ही हाथ लगाते हैं।
मालिश करते समय सबसे पहले आपको तेल की कुछ बूंदे अपने हाथ पर डालनी चाहिए और फिर दोनों हथेलियों को आपस में रगड़ कर तेरे को थोड़ा गर्म कर लेना चाहिए।


अब आपको काफी हल्के हाथों से बच्चे की मालिश शुरु करनी मालिश करना बच्चे के पैरों के पंजों से शुरू कीजिए।
पैरों के पंजों से लेकर धीरे-धीरे मालिश करते करते ऊपर की तरफ जाएं और बड़े ही हल्के हाथों से बच्चे की मालिश करें और बिल्कुल यही तरीका बच्चे की बाजुओं पर भी आजमाना चाहिए। जब आप उसके हाथों की मालिश करना शुरू करते हैं, तो बच्चे के कंधों से मालिश शुरू कर के नीचे हथेलियों तक धीरे-धीरे जाना चाहिए। इस प्रकार आपके बच्चे को बड़ी ही राहत महसूस होती है और उसकी मांसपेशियां भी मजबूत बनती है।


आपको मालिश करते समय बच्चे की हाथों पैरों की उंगलियों के बीच में भी मालिश करनी चाहिए, तो इस प्रकार भी आपके बच्चों को और ज्यादा आराम मिलता है, शिशुओं की मालिश करते समय आपको अपने छोटे बच्चों की उंगलियों को थोड़ा बाहर की तरफ खींचना चाहिए। इस प्रकार बच्चे की उंगलियों की हड्डियां मजबूत बनती है लेकिन यह सब बहुत ही हल्के हाथों से करें।


मालिश करते समय अपने शिशु की छाती तथा पेट पर दो उंगलियों को उसकी नाभि के चारो ओर घुमा कर हल्के हाथों से मालिश करनी चाहिए। इस प्रकार आपके बच्चे के पाचन तंत्र में सुधार आता है और वह कब्ज की समस्या से भी बचा रहता है या फिर बहुत से बच्चों के पेट में गैस बन जाती है। यदि आप इस प्रकार अपने बच्चे के पेट की मालिश करेंगे तो आपका बच्चा गैस की समस्या से भी बचा रहेगा।


मालिश करते समय आपको अपने बच्चों के घुटनों के नीचे की तरफ भी अच्छे से मालिश करनी चाहिए, इस प्रकार उन्हें बढ़ती उम्र में होने वाले घुटनों के दर्द से आराम मिलेगा।


अब आपको अपने शिशु को पेट के बल मिटा देना है और फिर उसकी पीठ की मालिश शुरू करनी है और पीठ की मालिश आप बिल्कुल हल्के हाथों से कीजिए और बच्चे की मालिश करते समय उसकी रीड की हड्डी पर बिल्कुल भी दबाव ना डालें क्योंकि इस प्रकार उसकी हड्डी को नुकसान भी पहुंच सकता हैं, क्योंकि आपके बच्चे की रीड की हड्डी बहुत ही नाजुक है वह इस समय किसी भी दबाव को सहन नहीं कर पाएगी।


सबसे आखिर में आप अपने बच्चे की सिर की मालिश कर सकती हैं और सिर की मालिश भी बिल्कुल हल्के हाथों से करनी हैं। अगर आप सख्त हाथों से बच्चे की मालिश करेंगे तो उसका सिर दर्द भी हो सकता है, इसीलिए आपको बहुत ही नाजुक हाथों से बच्चे के सिर की मालिश करनी हैं।

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शिशु के सिर की मालिश करते समय कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए – What are the Precautions to be Taken While Massaging the Baby’s Head In Hindi ?


जब आप अपने शिशु के सिर की मालिश कर रही होती हैं, तो आपको काफी ख्याल रखना पड़ता है वैसे तो आप के शिशु को अपने सिर की मालिश करवाने में काफी आनंद महसूस होता हैं। इसीलिए वह बिना रोए ही सिर की मालिश आराम से करवा लेता है लेकिन आपको अपने शिशु की मालिश करते समय बिल्कुल हल्के हाथों से उसके सिर की मालिश करनी चाहिए।


यदि आपका शिशु सिर पर हाथ लगाते ही अपना सिर इधर-उधर हिलाने लगता हैं, तो आप जबरदस्ती शिशु के सिर पर मालिश ना करें हो सकता है कि उसके सिर में दर्द हो रहा हो या फिर किसी और कारण से मैं आपको मालिश ना करने दे रहा हों, तो फिर आप थोड़ा रुक कर फिर से मालिश करने की कोशिश कर सकती हैं।


नवजात शिशु के सिर की खोपड़ी बहुत ही नाजुक होती हैं, जो कि आपके जरा सा ही छूने से प्रभावित हो सकती है और क्योंकि बच्चे की सिर की हड्डी अभी विकसित हो रही होती हैं। इसीलिए वह काफी नरम होती है और आपके ज्यादा दबाने पर उसे नुकसान भी पहुंच सकता हैं। इसलिए बहुत ही हल्के हाथों से बच्चे की मालिश करनी होगीं।


आपको शिशु के जन्म के पहले सप्ताह से लेकर जब तक शिशु 2 साल का नहीं हो जाता तब तक तो उसकी लगातार मालिश करनी ही चाहिए, लेकिन 2 साल की उम्र तक ही आपको काफी नाजुक तरीके से बच्चे के सिर की मालिश करनी चाहिए 2 साल के बाद भी यदि आप बच्चे की मालिश जारी रखती हैं, तो फिर आप मालिश थोड़ी तेज भी कर सकती हैं। क्योंकि जब तक बच्चे की खोपड़ी काफी मजबूत हो जाएगी।


याद रहे कि जब तक आपका शिशु अपना सिर खुद ही ऊपर उठाने में सक्षम नहीं हो जाता तब तक आप उसके सिर की मालिश पीठ के बल लेटा कर ही करिए यही बेहतर रहेगा। जब आपका शिशु अपने सिर पर नियंत्रण पाना सीख जाए, तो फिर आप उसे पेट के बल लेटा कर भी उसकी खोपड़ी की पीछे से मालिश कर सकती हैं।


शिशु की कितनी बार तथा कितनी देर तक मालिश करनी चाहिए ?


आपको अपने शिशु की रोजाना ही दिन में एक बार मालिश करनी चाहिए यदि आप रोजाना अपने शिशु की मालिश करती हैं तो इस प्रकार है स्वस्थ रहता है बहुत ही माताएं दिन में दो बार भी मालिश करती हैं, लेकिन आप के समय के ऊपर निर्भर करता है अगर आप दिन में एक बार मालिश करना चाहे तो एक बार भी कर सकती हैं, लेकिन याद रहे की मालिश आपको कम से कम 15 से 20 मिनट तक करनी चाहिए ताकि बच्चे की त्वचा के अंदर तक तेल चला जाए, क्योंकि जब तेल बच्चे की त्वचा के अंदर तक जाता है तो तभी मालिश का अच्छा फायदा मिल पाता है।

शिशु की मालिश कब करनी चाहिए ?


वैसे तो एक्सपर्ट्स के मुताबिक शिशु की मालिश से नहलाने से ठीक पहले की जाती हैं, इसलिए आप सुबह के वक्त नहलाने से पहले ही अपने बच्चे की मालिश कर सकती हैं। इसके अतिरिक्त अगर आपको सुबह टाइम नहीं हैं, तो आप दिन में किसी भी वक्त शिशु की मालिश कर सकती हैं। पर याद रहे कि जब आपके बच्चे का पेट अच्छी तरह भरा हुआ होता हैं, तो उस समय वह मालिश का अत्यधिक आनंद ले पता हैं।


आप जिस समय उनकी मालिश करेगी तो उसी समय के अनुसार उन्हें स्तनपान और सोने तथा उठने की दैनिक दिनचर्या निर्धारित कर सकती हैं। क्योंकि जिस समय आप 1 दिन उसकी मालिश करती हैं, तो उसी समय आपको हमेशा ही उसकी मालिश करनी होगीं।


आप यदि चीजों को क्रम में रखेंगे तो शिशु को यह ज्यादा पसंद आता है, जैसे कि पहले आप उसको खाना खिलाइए फिर आप उसकी अच्छे से मालिश कीजिए और फिर उसको स्नान कराइए। इस प्रकार आपके शिशु का विकास काफी अच्छी तरह होता है और बचपन से ही उसे अच्छी चीजों की आदत पड़ जाती हैं।


मालिश करने के पश्चात शिशु को बहुत ही ज्यादा आनंद महसूस होता हैं। इसलिए आप रात को सोने से पहले भी शिशु की मालिश कर सकती हैं, क्योंकि इस प्रकार शिशु को बाकी दिनों की अपेक्षा काफी अच्छी नींद आती है, बहुत से बच्चे रात के समय काफी ज्यादा रोते हैं। इस प्रकार के बच्चों की अगर रात के समय मालिश की जाए तो फिर वह बिना रोए आसानी से सोच सकते हैं।

Babies Massage : शिशु की मालिश करना क्यों जरूरी होता हैं – जानिए मालिश करने से होने वाले अनेकों फायदे ? | 9 Benefits of Baby Massage in Hindi
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हमें कब शिशु की मालिश नहीं करनी चाहिए ?


हमें शिशु की मालिश करने से पहले बहुत सी परिस्थितियों में नहीं करनी होती। इसलिए उन परिस्थितियों के बारे में हमें पहले से ही अच्छे से पता होना आवश्यक है तभी हम शिशु को बाद में साइड इफेक्ट से बचा सकते हैं जैसे कि :-


अगर आप के शिशु को त्वचा संबंधित कोई बीमारी है जैसे कि उसकी त्वचा पर एलर्जी है या लाल चकते हो रहे हैं, तो इस प्रकार की परिस्थिति में आपको किसी भी तेल से मालिश करने से पहले डॉक्टर से अच्छे से पूछ लेना चाहिए, क्योंकि मालिश करने वाले तेल या क्रीम लगाने से त्वचा की एलर्जी पहले से भी ज्यादा भड़क सकती है और बच्चे की त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है इसीलिए पहले डॉक्टर की सलाह लें।


अगर आप के शिशु को बुखार हो रहा है या फिर उसकी तबीयत ठीक नहीं हैं, तो इस प्रकार की परिस्थिति में शिशु की मालिश नहीं करनी चाहिए, क्योंकि डॉक्टर भी शिशु की मालिश तभी करने की सलाह देते हैं जब वह पूरी तरह से स्वस्थ हो।
अगर आपके बच्चे को ठंड लगी हुई है जिसकी वजह से उसे सर्दी खांसी जुखाम हैं, तो इस प्रकार की परिस्थिति में अगर आप उसके कपड़े उतारेंगे तो उसकी हालत और भी ज्यादा खराब हो सकती हैं, इसलिए इस प्रकार की परिस्थिति में शिशु की मालिश ना करें।


अगर मौसम काफी ठंडा है तो ठंडे मौसम में आपको अपना कमरा चारों तरफ से बंद करके और उसमें ही रूम हीटर चलाकर तभी बच्चे की मालिश करनी चाहिए। क्योंकि ठंडे मौसम में अगर आप अपने बच्चे की मालिश ऐसे ही कपड़े उतार कर करनी शुरू कर देंगी, तो फिर आपके बच्चे की तबीयत तुरंत ही खराब हो सकती हैं।


बच्चे की मालिश किस तेल से करें ?


वैसे तो ग्रामीण इलाकों में बच्चे की मालिश करने के लिए याद आता हैं, सरसों के तेल का ही इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि सरसों के तेल को काफी ज्यादा चमत्कारी और शक्तिशाली माना जाता है जो कि बच्चों की मांसपेशियों को काफी ज्यादा मजबूती प्रदान करता हैं। इसीलिए ज्यादातर गांव और शहरों में भी बहुत सी जगह सरसों के तेल से ही छोटे बच्चों की मालिश की जाती हैं।


इसके अतिरिक्त आज के समय में लोग छोटे बच्चों की मालिश करने के लिए जैतून के तेल का इस्तेमाल भी करते हैं, क्योंकि जैतून के तेल को भी बच्चों की मालिश करने के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता हैं। जैतून के तेल को हड्डियों से संबंधित बीमारियों में भी इस्तेमाल किया जाता हैं, क्योंकि जैतून एक बहुत ही पुरानी औषधि है जो काफी पुराने समय से अनेकों प्रकार की बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होती आई हैं, इसीलिए बच्चे की मालिश करने के लिए भी जैतून के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता हैं।


नारियल का तेल भी बच्चे की मालिश करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि नारियल का तेल भी अनेकों गुणों से भरपूर होता हैं, जो कि बच्चे को काफी मजबूती प्रदान करता हैं। इसलिए आप अपने बच्चे की मालिश करने के लिए नारियल के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।


आप अपने बच्चे की मालिश बदाम के तेल से भी कर सकती हैं, क्योंकि बदाम का तेल भी अनेकों गुणों से भरपूर होता है और त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता हैं। इसी के साथ साथ बच्चे की मांसपेशियों को काफी ज्यादा मजबूती प्रदान करता है। इसलिए आप बदाम के तेल का सेवन भी कर सकती हैं।

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आप सूरजमुखी के तेल का इस्तेमाल भी अपने बच्चे की मालिश के लिए कर सकती हैं, क्योंकि सूरजमुखी के तेल से भी बच्चे की मालिश करना बेहद ही फायदेमंद माना जाता हैं। सूरजमुखी के तेल को अनेकों प्रकार की हड्डियों की बीमारियों में भी डॉक्टर के द्वारा दिया जाता है।


Conclusion –


हम आशा करते हैं कि बच्चे की मालिश से संबंधित सभी बातों के जवाब आपको मिल गए होंगे, क्योंकि बच्चे की मालिश से संबंधित और एक बात का उत्तर हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम से दे दिया है इस पोस्ट के माध्यम से आप सब ने आज Bacho Ki Maalish Kyu Jaruri Hai तथा Bacho Ki Maalish Karne Ke Fayde के बारे में जाना हैं। इसी के साथ-साथ हमने आपको Bacho Ki Maalish Kaise Kare तथा Bacho Ki Maalish Kon Se Oil Se Kare के बारे में भी बताया हैं। अगर अब आपको हमसे Best Baby Massage Oil In Hindi के बारे में पूछना हों, तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करें। धन्यवाद

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Ankit is a health and fitness Blogger having experience working for various Multi-National Organizations as an Information Technology Specialist, Content Writer, and Content Manager. He loves blogging and right now he is enjoying his journey of exploring health and fitness-related blogs and stuff. He is actively involved in Yoga and other modes of fitness and has various certificates for the same. He has a lot of experience in Hindi writing as well as in English writing likes to read books and travel to different places.

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