When Do Babies Start Speaking: बच्चे बोलना कब शुरू करते हैं – जानिए बच्चों को बोलना कैसे सिखाएं ?

When Do Babies Start Speaking in Hindi


When Do Babies Start Speaking? बच्चे बोलना कब शुरू करते हैं जानिए बच्चों को बोलना कैसे सिखाएं ?

बच्चों के माता-पिता को उस समय बहुत ही खुशी होती है जब वह बोलना सीखते हैं। बहुत से बच्चे काफी देरी से बोलना सीखते हैं तो कुछ बच्चे काफी जल्दी बोलना शुरू कर देते हैं। यह सब बच्चे के शरीर पर निर्भर करता है हर एक बच्चे के शरीर का अपना अलग-अलग सिस्टम होता हैं। इसीलिए वह कुछ कार्य बाकी बच्चों से जल्दी कर लेते हैं तो कुछ कार्य बाकी बच्चों की अपेक्षा देरी से शुरू करते हैं अगर बच्चों को बोलना सीखने में थोड़ी देरी भी हो जाती है तो इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं होती।

यदि आपके बच्चे दूसरे बच्चों की अपेक्षा 2 से 3 महीने या 6 महीना देरी से बोलना सीखते हैं, इसमें घबराने वाली बात नहीं है वैसे तो बहुत से माता-पिता अपने बच्चों का काफी ज्यादा ध्यान रखते हैं और उन्हें जल्दी बोलना सिखाने के लिए वह खुद भी उनके साथ मेहनत करते हैं ताकि उन्हें जल्दी से बोलना सिखाया जा सके यदि आप अपने बच्चों को खुद ही बोलना सिखाते हैं, तो यह उनके लिए बहुत ही आसान हो जाता है और वह आसानी से सब शब्दों को धीरे-धीरे बोलने लगते हैं।

वैसे तो 18 महीने का बच्चा मम्मी आ पापा बोलना सीख जाता है और फिर धीरे-धीरे वह बाकी शब्दों को भी बोलना सीखता है जब बच्चा 3 साल का हो जाता हैं, तो उस समय वह 1 दिन में 1000 शब्दों को भी बोल सकता है और दूसरे सभी लोगों के भी नाम याद रखने लगता हैं। बहुत से बच्चे तो 3 साल की उम्र तक अच्छी तरह से बोलना सीख जाते हैं और वह बिल्कुल भी तो ताला नहीं बोलते और कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो बोलना तो सीख जाते हैं, लेकिन वह बहुत ज्यादा तोतला बोलते हैं जिससे कि उनकी आधी बात ही समझ आ पाती हैं।

आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बच्चों के बोलने से संबंधित ही सभी बातें बताएंगे कि Bache Bolna Kab Start Karte Hai और Bache Ko Jaldi Bolna Kaise Sikhaye इसी के साथ-साथ हम आपको When do Babies Start Speaking In Hindi तथा Bache Bolna Kaise Sikhte Hai इसके बारे में भी पूरी जानकारी देंगे।

When Do Babies Start Speaking: बच्चे बोलना कब शुरू करते हैं – जानिए बच्चों को बोलना कैसे सिखाएं ?

बच्चे बोलना कब शुरू करते हैं – When Do Babies Start Speaking In Hindi ?

वैसे तो ज्यादातर बच्चे 10 महीने से लेकर 12 महीने की आयु में शुरुआती शब्द बोलना शुरू कर देते हैं जैसे कि मां या पापा आदि। लेकिन जब बच्चे 16 महीने की उम्र के होते हैं, तो उस समय वह 1 दिन में 40 शब्दों को भी आसानी से बोलना सीख सकते हैं और ज्यादातर बच्चे 16 महीने की आयु में 40 शब्दों तक 1 दिन में बोल भी लेते हैं।

 इसी प्रकार जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता रहता है तो धीरे धीरे चल रहा है 20 महीने से 24 महीने की आयु तक पहुंचता हैं, तो उस समय बच्चा 1 दिन में 150 से 250 शब्दों को भी बोल सकता है कुछ बच्चे इससे ज्यादा शब्दों को भी बोल सकते हैं और जब बच्चा 3 साल की उम्र के आस पास पहुंचता हैं, तो उस समय वह 1 दिन में 1000 शब्द भी आसानी से बोलना शुरू कर देता है और उस समय उसको अपने घर वालों के नाम भी याद होने शुरू हो जाते हैं।

यदि आप अपने बच्चे को 3 साल की उम्र तक अपना नाम अपने घर में सभी सदस्यों का नाम बोलना सिखाते हैं तो वह सभी नामों को आसानी से बोलना सीख जाता हैं। इसके अतिरिक्त में 3 साल की उम्र में दूसरी चीजों के नाम भी लेने लगता है और जब आप अपने बच्चे के सामने कोई बात कर रहे होते हैं, तो वह उस बात को भी बीच में से पकड़ सकता है और उसी बात के ऊपर बोल सकता हैं।

वैसे तो 3 साल की उम्र तक बच्चे सब चीजें बोलना धीरे-धीरे सीख ही जाते हैं लेकिन कुछ बच्चों को सब चीजें बोलने में 4 से 5 साल का समय भी लग सकता हैं, क्योंकि बच्चों को बोलना सीखने के लिए उनके मां-बाप को भी उनके साथ मेहनत करनी पड़ती हैं। यदि आप अपने बच्चों को बोलना सिखाते हैं, तो वह जल्दी बोलना भी सीख सकते हैं ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो आप यदि करें तो फिर आपका बच्चा काफी जल्दी बोलना शुरू कर सकता है।

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बच्चों का ना बोलना कब चिंता का कारण बन सकता हैं – When Children’s not Speaking Can Become a Cause for Concern In Hindi ?

अगर आपका बच्चा 15 महीने का हो गया है और फिर भी रहे कुछ भी बोलना नहीं सीखा और ना ही वह मां या पापा बोलना सीखा है और ना ही दूसरे शब्दों को बोलना सीखा हैं, तो यह चिंता वाली बात हो सकती हैं, क्योंकि इतने समय में तो बच्चा यह छोटे-मोटे शब्द बोलना सीखी सकता हैं।

अगर आपका बच्चा इन शब्दों को बोलना नहीं सीख पा रहा हैं, तो फिर ऐसा भी हो सकता है कि उसे सुनने में परेशानी हो या फिर उसे सुनता ही ना हो ऐसा भी हो सकता है कि उसकी जीभ में कोई दिक्कत हो क्योंकि जीवन में जब कोई दिक्कत होती हैं, तो जीभ की वजह से भी बच्चे ही नहीं बोल पाते इस प्रकार का विषय चिंताजनक हो सकता हैं।

इसलिए आपको तुरंत ही बच्चों के डॉक्टर के पास जाना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि आपका बच्चा 15 महीने का या फिर 15 महीने से ज्यादा का हो गया है, लेकिन अब तक वह बोलना नहीं सिखाया फिर बोल नहीं पा रहा हैं, तो फिर डॉक्टर बच्चे के बहुत से Check Up भी कर सकता है जिससे कि इस बात का पता लगाया जाएगा कि बच्चा आखिर क्यों नहीं बोल पा रहा है।

बच्चे बोलना किस प्रकार सीखते हैं – How Children Learn to Speak In Hindi ?

आपके बच्चे धीरे-धीरे ही सब शब्दों को बोलना सीखते हैं। ऐसा नहीं होता कि आपके बच्चे 1 से 2 साल की उम्र में ही अच्छी तरह बोलना सीख जाएं। आपके बच्चे एक एक शब्दों को सुनते हैं और फिर उन शब्दों को धीरे-धीरे बोलने की कोशिश करते हैं। चलिए आगे हम आपको Bacha Kaise Bolna Sikhta Hai इसके बारे में पूरी जानकारी दे देते हैं।

When Do Babies Start Speaking: बच्चे बोलना कब शुरू करते हैं – जानिए बच्चों को बोलना कैसे सिखाएं ?

1. गर्भाशय से ही भाषा को अच्छे से समझना

कई रिसर्चर इस बात को बखूबी मानते हैं कि बच्चा अपनी माता के गर्भ से ही भाषा को समझना शुरू कर देता है। गर्भ में बच्चे को अपनी माता के दिल की धड़कनों को सुनने की आदत हो जाती है और वह भीड़ में भी अपनी माता की आवाज को अन्य लोगों की आवाजों के बीच आसानी से पहचान जाता है।

2.  3 माह में बच्चे का बोलना

बच्चा 3 महीने का होने तक आपकी आवाज को सुनने, बात करते समय आपके चेहरे को देखने तथा किसी भी प्रकार की ध्वनि व आवाज पर अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू कर देता है। ज्यादातर शिशु पुरुष की आवाज की तुलना में महिलाओं की आवाजों को काफी ज्यादा पंसद करते हैं। इसके अतिरिक्त बहुत से शिशु गर्भ के दौरान सुने गीत और आवाजों को ही सुनना ज्यादा पसंद करते हैं। 3 महीने के अंतिम दौर में बच्चे किसी भी व्यक्ति के द्वारा गीत गाने पर या खुश होने पर अपनी प्रतिक्रिया भी देने लगते हैं।

3. 6 महीने में बच्चे का बोलना

6 महीने तक  आपका बच्चा  थोड़े बहुत शब्दों को बोलना भी शुरू कर देता है। 6 महीने का होने पर बच्चा आसान से शब्द जैसे कि दादा व मां बोलने लगता है, इसके साथ-साथ ही आपका बच्चा अपने नाम को भी 6 महीने में समझने लगता है। इस समय बच्चे अपनी मातृभाषा तथा अन्य भाषा के बीच में अंतर को भी समझ जाते हैं। इसके अतिरिक्त 6 महीने की आयु में बच्चे अपनी खुशी और दुख को जाहिर करने का तरीका भी काफी अच्छे से सीख जाते हैं, मगर अभी आपके बच्चे इसके अलावा अन्य शब्दों के मतलब को नहीं समझ पाते।

4. 9 महीने में बच्चे का बोलना

9 महीनों की आयु में आपका बच्चा बेहद ही साधारण और आम बोलचाल के शब्द जैसे कि ‘हां’, ‘ना’, ‘टा-टा या बाय-बाय’ के बारे में अच्छे से सीख जाता है। आपका बच्चा आसान शब्दों को सीखने के पश्चात व्यंजन ध्वनियों को सीखना भी शुरू कर देता है।

5. 12 महीने में बच्चों का बोलना 

जब आपके बच्चे एक साल के हो जाते हैं  तो उस समय  वह  रोजाना सुनने वाले शब्दों के मतलब को भी समझने लगते हैं इस उम्र में ज्यादातर बच्चे तो आसान शब्दों को बिल्कुल साफ साफ कहना भी सीख जाते हैं। ऐसा नहीं होता कि हर एक बच्चा 1 साल की उम्र में सभी शब्दों को कहना सीखे, लेकिन 100 में से 40 से 60 बच्चे आसान शब्दों को बोलना अच्छी तरह सीख जाते हैं और वह अब बातों का मतलब भी समझने लगते हैं।

6. 18 महीने में बच्चों का बोलना

आपका बच्चा 1.5 साल का होने पर सरल शब्दों के साथ ही अपने आसापास के लोगों को भी बुलाने लग जाता हैं। इस उम्र में आपका बच्चा चीजों और शरीर के अंगों के नाम भी लेने लग जाता हैं। इसी के साथ साथ आपके बच्चे अब आपके ही द्वारा बोले जाने वाले शब्दों को भी दोहराना शुरू कर देते हैं। बेशक, वह पूरा वाक्य बोल नहीं पाते हों, मगर आपके द्वारा बोले गए वाक्य का अंतिम शब्द बोलना जरूर शुरू कर देते हैं।

7. 2 साल का होने पर बच्चों का बोलना

2 साल का होने तक बच्चे 2 या 4 शब्दों को मिलाकर बोलना या फिर अपनी बात माता-पिता को कहना भी शुरू कर देते हैं। इस उम्र में आपके बच्चे किसी वस्तु को खुद से जोड़ना भी सीख लेते हैं जैसे – मेरा कप, मेरी मां व खाने की चीजों का नाम भी लेने लगते हैं।

8. 3 साल होने पर बच्चों का बोलना

जब आपका बच्चा 3 वर्ष का हो जाता है, तो तब तक वह काफी ज्यादा शब्दों को बोलना सीख जाता है और अब वह अपने माता-पिता की बातों को भी अच्छे से समझता है और उन्हें जवाब भी देने लगता है। 3 वर्ष का होने पर बच्चा पूरे-पूरे वाक्य भी बोलने लगता हैं, ज्यादातर बच्चे को 3 वर्ष की आयु में पूरी तरह से बोलना भी सीख जाते हैं। अब बच्चे हर एक बातों को समझते हैं और उनका अच्छे से जवाब देने लगते हैं, इसीलिए उनके माता-पिता 3 वर्ष की आयु में ही उन्हें स्कूल में दाखिला भी दिला देते हैं।

बच्चों को बोलना कैसे सिखाएं – How to Teach Children To Speak In Hindi ?

अगर बच्चों के माता-पिता अपने बच्चों को बोलना सिखाते हैं, तो आप के बच्चे काफी जल्दी बोलना सीख जाते हैं। इसीलिए ऐसा कहा जाता है कि बच्चों को बोलना सिखाने के लिए उनके माता-पिता को भी उन पर पूरी मेहनत करने की आवश्यकता होती हैं। ऐसे बहुत से तरीके हैं, जिनसे आप अपने बच्चों को बोलना सिखा सकते हैं जैसे कि :-

1. अपने बच्चों के साथ बातें करें

अगर आप अपने बच्चों को जल्दी ही बोलना सिखाना चाहते हैं तो आपको उनके साथ बातें करनी होंगी, क्योंकि जब आप अपने बच्चों के साथ बातें करते हैं, तो वह उन बातों को बड़े ही ध्यान से सुनते हैं और वह आपकी उन बातों को अच्छे से समझ कर उसका उत्तर देने की कोशिश भी करते हैं।

इसलिए आपको अपने बच्चों के साथ बातें करने का प्रयास करना चाहिए, आपको रोजाना तीन से चार बार अपने बच्चों के साथ बातें करने का प्रयास करना है और इसी प्रकार यदि आप करेंगी तो आपका बच्चा है काफी जल्दी बोलना शुरू करेगा और शब्दों को भी समझना शुरू कर देगा।

2. बच्चे को कोई धीमी आवाज का गाना सुनाएं

आपको अपने बच्चों को धीमी आवाज का संगीत सुनाना चाहिए, क्योंकि धीमी आवाज के संगीत को सुनने के पश्चात बच्चे उसे समझने की थोड़ी कोशिश करने लगते हैं और जब धीमी आवाज का संगीत चलता है तो बच्चे उस संगीत के शब्दों को भी अच्छे से सुन पाते हैं और फिर संगीत के शब्दों को  बोलने की कोशिश भी करते हैं। इस प्रकार भी यदि आप रोजाना जब भी आपको समय मिले अपने बच्चों को संगीत सुनाइए। इस प्रकार आपके बच्चे काफी जल्दी बोलना शुरू कर देंगे और शब्दों को समझना शुरू करेंगे।

3. बच्चों को कहानियां पढ़कर सुनाएं

जब आपके बच्चे छोटे होते हैं तो उन्हें कहानियां सुनना बेहद ही पसंद होता है ठीक इसी प्रकार जब तक आपके बच्चे बोलना नहीं सीखे और आप उन्हें उस समय निरंतर कहानियां सुनाइए जब आप कहानियां सुनाएंगी, तो आपका बच्चा आपके द्वारा बोले गए शब्दों को बहुत ही ध्यान से सुनेगा। इसलिए आप काफी धीमी आवाज में आराम आराम से बच्चों को कहानियां सुनाएं कहानी सुनने से बच्चा धीरे-धीरे कहानियों के शब्दों को पकड़ने लगेगा और उन्हें समझने लगेगा और इसी प्रकार बच्चा धीरे धीरे बोलना सीख जाएगा।

4. बच्चों को बोलने वाले खिलौने दें

आपको अपने बच्चों को बोलने वाले खिलौने देने चाहिए या फिर छोटे-छोटे बहुत से ऐसे खिलौने आते हैं जिनमें गाने बजते हैं, अगर आप अपने बच्चों को इस प्रकार के खिलौने देते हैं, तो आपका बच्चा जब उनके साथ सारा दिन खेलेगा तो जो शब्द उन खिलौनों में बोला जा रहा है।

आपका बच्चा उन शब्दों को समझने की काफी कोशिश करेगा और फिर धीरे-धीरे उन्हीं शब्दों को बोलना शुरू कर देगा इस प्रकार भी आप तो बच्चा काफी जल्दी बोलना शुरू करता हैं। इसीलिए जब आपका बच्चा 6 से 7 महीने का हो जाए तो उसे मैं आपको इस प्रकार के खिलौने जरूर दें क्योंकि इसी प्रकार आपका बच्चा धीरे धीरे बोलना सीखेगा।

5. जो भी कार्य करें उसके बारे में अपने बच्चे को बताएं

जब आप अपने घर में साफ सफाई कर रही होती हैं या फिर घर में कोई दूसरा कार्य कर रही होती हैं तो उस समय आपको अपने बच्चे को बता बता कर वह कार्य करना चाहिए। इस प्रकार आपके बच्चे को मन भी लगा रहेगा और वह आपके शब्दों में व्यस्त भी हो जाएगा और उन शब्दों को बार-बार समझने की कोशिश करेगा यदि आप हमेशा ही ऐसा करती हैं तो भी आपके बच्चे को जल्दी बोलना आ जाता है।

6. नकली करने से जल्दी बोलना सीखता है

जब आपका बच्चा लेटा हुआ होता है या फिर आपने उसको बैठाया हुआ है तो उस समय आपको उसके साथ बातें करनी चाहिए और यदि वह कोई प्रतिक्रिया करता है तो तुरंत ही उसकी नकल उतारने चाहिए। जब आप उसकी नकल उतारेंगे तो बच्चा भी इसी प्रकार आप की नकल उतारने की कोशिश करेगा और जब आप की नकल उतारने की कोशिश करेगा तो धीरे-धीरे वह बोलना भी सीख जाएगा। इसलिए आपको अपने बच्चे को बोलने के लिए इस प्रकार भी प्रोत्साहित करना है इस प्रकार भी आपके बच्चे काफी जल्दी बोलना सीख जाएंगे।

7. बच्चे के शब्दों में रूचि दिखाएं

आपको अपने बच्चों के बोलने पर रुचि दिखानी चाहिए यदि आपके बच्चे किसी शब्द का उच्चारण कर रहे हैं लेकिन वह शब्द का उच्चारण थोड़ा गलत कर रहे हैं, तो फिर भी आपको पुणे बोलने के लिए और ज्यादा प्रोत्साहित करना चाहिए और उन्हें इस प्रकार से ना कहें की यह गलत है। यदि आप इस प्रकार की अपने बच्चों के बोलने में रुचि दिखाते हैं तो इस तरह वह काफी जल्दी बोलना सीख जाते हैं।

बच्चे का देरी से बोलने का क्या कारण हो सकता है – What Can Cause a Child to Speak Late In Hindi ?

When Do Babies Start Speaking: बच्चे बोलना कब शुरू करते हैं – जानिए बच्चों को बोलना कैसे सिखाएं ?

ऐसे बहुत से कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से आपका बच्चा देरी से बोलना सीखता है या फिर उसे इलाज के बाद ही बोलने का मौका मिल पाता हैं। इसलिए अपने बच्चे के देरी से बोलने का कारण जानना चाहिए और उसका इलाज करवाना चाहिए इसके बहुत से -:

1. समय से पहले जन्म लेना

जिन बच्चों का जन्म समय से पहले होता है तो इस प्रकार के बच्चे बोलना सीखने के लिए अधिक समय लगा सकते हैं, क्योंकि जो बच्चे वक्त से पहले पैदा हो जाते हैं तो इस प्रकार के बच्चों के शरीर में बहुत से पोषक तत्वों की कमियां रह जाती है। इसके अतिरिक्त यह बात तो आपको पता ही होगा कि जब बच्चा समय से पहले जन्म लेता हैं, तो उसके शरीर के बहुत से ऐसे अंग रह जाते हैं जिनका विकास अभी बाकी हैं। इसीलिए समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों का विकास जन्म के पश्चात धीरे-धीरे होता है इसीलिए वह बोलने में काफी समय लगा सकते हैं।

2. जुड़वा बच्चे पैदा होना

अगर आपके दो जुड़वा बच्चे इकट्ठे पैदा हुए हैं, तो इस प्रकार के बच्चे भी देरी से बोलना शुरू करते हैं, क्योंकि बहुत से शोध के मुताबिक यह बात सामने आई है कि जब जुड़वा बच्चे जन्म लेते हैं, तो वह दोनों ही काफी देरी से बोलना सीखते हैं।

3. कान का संक्रमण

अगर आपके बच्चे को कान का संक्रमण है तो इसके कारण भी आपका बच्चा काफी देरी से बोलना सीखता हैं, क्योंकि कान का संक्रमण होने के कारण आपको अपने बच्चे का इलाज करवाना पड़ता है और जब तक उसके कान का संक्रमण अच्छे से ठीक नहीं होता। तब तक उसे अच्छे से सब चीजें सुनाई नहीं देती और इसी कारण बच्चा देर से बोलना शुरू करता हैं।

4. अनुवांशिक कारण

बहुत से बच्चों को यह समस्या अनुवांशिक भी हो सकती हैंं, क्योंकि बहुत सी बीमारियां ऐसी होती हैं जो कि पीढ़ी दर पीढ़ी तक चलती है और यदि आपके माता-पिता या फिर आपके परिवार में किसी दूसरे व्यक्ति ने देर से बोलना शुरू किया था तो उसके कारण ऐसा हो सकता है कि आप भी देर से बोलना सीखें।

5. मस्तिष्क को क्षति पहुंचना

बचपन में अगर आपके छोटे बच्चे के मस्तिष्क को क्षति पहुंच जाती हैं, तो मस्तिष्क को क्षति पहुंचने के कारण भी आपका बच्चा देरी से बोलना शुरू कर सकता हैं। इसीलिए अगर आपका बच्चा 15 से 18 महीनों तक भी बोलना शुरू नहीं करता तो फिर आपको इस बात को लेकर डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

6. तालु का कटा होना

आपके बच्चों को कटे हुए तालु के कारण भी बोलने में देरी हो सकती है या फिर आपको उसका इलाज करवाना पड़ेगा और उसके पश्चात ही आपका बच्चा बोलना शुरू करेगा। इसलिए आपको इस प्रकार की चीजों में ज्यादा देरी नहीं करनी चाहिए और तुरंत ही डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए। बचपन में कटे हुए तालुको आसानी से सही किया जा सकता हैं, जिसके पश्चात बच्चा कुछ ही समय के बाद बोलने लगेगा।

Conclusion –

 बच्चे किस प्रकार जल्दी बोलना शुरू करते हैं और किन कारणों से बच्चा देरी से बोलना शुरू करता है और किन कारणों से बोलना शुरू नहीं करता इसके बारे में भी हमने आपको बताया हैं। इसी के साथ-साथ आज की इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको Bache Bolna Kab Start Karte Hai और Bache Ko Jaldi Bolna Kaise Sikhaye इसके बारे में बताया हैं।

इसी के साथ-साथ हमने आपको When do Babies Start Speaking In Hindi तथा Bache Bolna Kaise Sikhte Hai इसके बारे में भी आपको बताया हैं। अब यदि आपको हमसे How Children Learn to Speak In Hindi के बारे में कोई भी सवाल पूछना हों, तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करें। धन्यवाद

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Ankit is a health and fitness Blogger having experience working for various Multi-National Organizations as an Information Technology Specialist, Content Writer, and Content Manager. He loves blogging and right now he is enjoying his journey of exploring health and fitness-related blogs and stuff. He is actively involved in Yoga and other modes of fitness and has various certificates for the same. He has a lot of experience in Hindi writing as well as in English writing likes to read books and travel to different places.

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