नवजात शिशु की Defence System बहुत ही कमजोर होती हैं, जिसके कारण वह आसानी से किसी भी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। नवजात शिशु को जन्म के पश्चात बहुत सी बीमारियां अपनी चपेट में भी ले सकती हैं जैसे कि अक्सर आपने सुना होगा कि ज्यादातर बच्चों को आज के समय में जन्म लेने के दो से 3 दिन बाद ही निमोनिया हो जाता है या फिर कुछ बच्चों को तो 1 से 2 साल की उम्र में निमोनिया होता है जैसा कि हमने आपको बताया कि छोटे बच्चों की Defence System बहुत कमजोर होती है इसी वजह से वायरस और बैक्टीरिया शिशु के शरीर में निमोनिया का मुख्य कारण बनते हैं।
जब शिशु के शरीर में सर्दी खांसी बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं तो उस समय शिशु को निमोनिया होने की संभावनाएं काफी अधिक बढ़ जाती हैं और यदि निमोनिया का समय पर इलाज ना हो तो इसके कारण शिशुओं की जान भी जा सकती है। इसीलिए हमें Nimonia Ke Lakshan In Hindi के बारे में अच्छे से पता होना आवश्यक है तभी हम समय रहते बच्चे को सुरक्षित रख सकते हैं।
- नवजात शिशुओं को निमोनिया क्यों होता हैं – Why do Newborns Get Pneumonia In Hindi ?
- शिशुओं में निमोनिया कितने प्रकार का होता है – Types Of Pneumonia In Newborn In Hindi ?
- नवजात शिशुओं में निमोनिया के लक्षण – Symptoms of Pneumonia in Newborns In Hindi ?
- नवजात शिशुओं को निमोनिया होने के कारण – Causes Of Pneumonia In Newborn Baby In Hindi ?
- नवजात शिशुओं के लिए निमोनिया का इलाज – Treatment Of Pneumonia For Newborn Baby In Hindi ?
- नवजात शिशुओं के निमोनिया का घरेलू इलाज – Home Remedies for Pneumonia in Newborns Baby In Hindi ?
- नवजात शिशु को निमोनिया होने से कैसे बचाएं – How to Protect Newborn from Getting Pneumonia In Hindi ?
- Conclusion –
हमारी आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम Pneumonia के बारे में ही मुख्य बातें जानेंगे जैसे कि Pneumonia Treatment For Newborn Baby In Hindi तथा Types Of Pneumonia In Newborn Baby In Hindi इसी के साथ-साथ हम आपको Causes Of Pneumonia In Newborn Baby In Hindi तथा Pneumonia Se Bachne Ke Upay के बारे में भी बताएंगे। इसलिए आप हमारी पोस्ट को आखिर तक ध्यान से पढ़ते रहिएगा।
नवजात शिशुओं को निमोनिया क्यों होता हैं – Why do Newborns Get Pneumonia In Hindi ?
निमोनिया एक बहुत ही जानलेवा बीमारी है, जो कि छोटे बच्चों में बैक्टीरिया तथा वायरस के संपर्क में आने के कारण फैलती है छोटे बच्चों में अक्सर इसी बीमारी की वजह से फेफड़ों में संक्रमण भी होता है। निमोनिया के कारण शिशु के दोनों फेफड़े भी प्रभावित हो सकते हैं। निमोनिया की बीमारी में शिशु के फेफड़ों में मौजूद हवा की छोटी-छोटी थैलियों में काफी सूजन आ जाती है जिसकी वजह से यह थैलियां पस तथा तरल पदार्थों से भर जाती हैं और इसी के कारण निमोनिया की बीमारी में शिशु को सांस लेने में बहुत ही तकलीफ होने लगती हैं।
इस बीमारी का मुख्य लक्षण खांसी भी होता है और खांसी होने के पश्चात बच्चों के मुंह से हराया भूरे रंग का बलगम भी निकलने लगता है या फिर बलगम के साथ-साथ बच्चों के मुंह से खून भी आने लगता है ज्यादातर सर्दियों में शिशुओं को सर्दी जुखाम या फिर वायरस की वजह से निमोनिया हो जाता है।
शुरुआत में तो बच्चे को निमोनिया बिना किसी संकेत के एक या 2 दिन के अंदर अंदर हो सकता है। बहुत से माता-पिता निमोनिया को सर्दी जुखाम के लक्षण भी समझ लेते हैं इसीलिए वह अपने शिशु को भी गवा देते हैं। निमोनिया की बीमारी को ठीक होने में कम से कम 2 से 3 हफ्तों का समय लगता है लेकिन इस बीमारी का इलाज शुरुआती लक्षण दिखने पर तुरंत ही शुरू किया जाता हैं। इसीलिए निमोनिया का इलाज करने के लिए छोटे बच्चों को अस्पताल में भर्ती किया जाता हैं ताकि उनका इलाज ढंग से किया जा सके।
शिशुओं में निमोनिया कितने प्रकार का होता है – Types Of Pneumonia In Newborn In Hindi ?
फेफड़ों में होने वाले संक्रमण को मुख्य तौर पर निमोनिया कहा जाता है और यह निमोनिया कई तरह के जीवाणुओं की वजह से हो सकता है, निमोनिया को Bacterial Pneumonia या फिर Viral Pneumonia भी कहा जा सकता हैं।
1. बैक्टीरियल निमोनिया ( Bacterial Pneumonia )
Bacterial Pneumonia में आपके शिशु को काफी तेज बुखार खांसी या फिर तेज तेज सांस लेने जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। Bacterial Pneumonia में शिशु सही तरीके से खाना भी नहीं खा पाता और वह काफी थका हुआ रहता है। Bacterial Pneumonia में शिशु की नब्ज काफी तेजी से चल रही होती है और नाखून तथा हॉट भी मिले हो जाते हैं बैक्टीरियल निमोनिया Chlamydophila Pneumonia, Mycoplasma Pneumonia तथा Streptococcus Pneumonia आदि बैक्टीरिया के कारण फैलता है वैसे तो Bacterial Pneumonia के लक्षण इतनी ज्यादा तेज भी नहीं होते लेकिन इन लक्षणों को नजरअंदाज करने के कारण यह मुश्किल भी खड़ी कर सकते हैं।
2. वायरल निमोनिया ( Viral Pneumonia )
Viral Pneumonia आमतौर पर बच्चों में सर्दी जुखाम से शुरू होता है, लेकिन Viral Pneumonia के लक्षण धीरे धीरे बहुत ही गंभीर हो जाते हैं। Viral Pneumonia में बच्चों को काफी तेज बुखार रहता है और बुखार के साथ-साथ काफी ज्यादा खांसी, उल्टियां होना, दस्त लगना या कमजोरी आना तथा सांसे तेज चलने के लक्षण दिखाई देते हैं। viral Pneumonia के लक्षण थोड़े-थोड़े उस प्रकार के वायरल के जैसे होते हैं जो कि बड़े व्यक्तियों को हो जाता है लेकिन यह थोड़ा ज्यादा खतरनाक होता है।
वायरल निमोनिया छोटे शिशु को काफी ज्यादा संवेदनशील बना देता है जिसकी वजह से वह ना तो कुछ खा पाते और ना ही अच्छे से नींद ले पाते क्योंकि उन्हें धीरे-धीरे सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है। इसलिए Viral Pneumonia के लक्षण दिखने पर बच्चे को तुरंत ही हॉस्पिटल में भर्ती करवाना चाहिए ताकि डॉक्टर Viral Pneumonia के लक्षणों पर तुरंत ही काबू पाकर शिशु की जान बचा सके।
नवजात शिशुओं में निमोनिया के लक्षण – Symptoms of Pneumonia in Newborns In Hindi ?
जब आपके नवजात शिशु को Pneumonia हो जाता है, तो आपको अपने शिशु में बहुत से लक्षण दिखाई दे सकते हैं जिनके माध्यम से आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि उसे Pneumonia हुआ है जैसे कि :-
- अगर किसी नवजात शिशु को Pneumonia हुआ हैं, तो उसे काफी ज्यादा बुखार रहता है और बुखार के साथ-साथ उसे कंपकंपी भी होती है।
- Pneumonia के मुख्य लक्षणों के रूप में बच्चे में गंभीर रूप से खांसी बलगम या बलगम से खून आना या फिर पीले रंग का बलगम आदि के लक्षण दिख सकते हैं।
- Pneumonia होने पर बच्चे को भूख बहुत ही ज्यादा कम लगती है, यदि नवजात शिशु की माता उसे स्तनपान कराने की कोशिश भी करेगी तो भी वह स्तनपान नहीं करेगा
- जिन नवजात शिशु को Pneumonia हो जाता है, वह दूसरे बच्चों की अपेक्षा काफी ज्यादा सोचते रहते हैं और हमें देखकर ऐसा लगता है कि उनके शरीर में कोई ना कोई कमजोरी तो जरूर है।
- नवजात शिशु को Pneumonia होने पर उन्हें तुरंत ही दस्त लगने शुरू हो जाते हैं और पेट में दर्द भी होने लगता है। पेट में दर्द होने पर बच्चे मुंह से बोल कर बता तो नहीं सकते लेकिन वह तेज-तेज रोना शुरू कर देते हैं।
- छोटे बच्चों को Pneumonia होने पर उन्हें काफी ज्यादा उल्टी आती है और यदि वह स्तनपान करते हैं तो स्तनपान करते ही उन्हें उल्टी हो जाती है।
- जैसा कि हमने आपको बताया ही है की Pneumonia होने पर छोटे बच्चों के फेफड़े भी संक्रमित होते हैं और फेफड़े संक्रमित होने के कारण छोटे बच्चों की छाती में भी बहुत ज्यादा दर्द रहता है। इसी की वजह से छोटे बच्चे काफी दादा रोते भी हैं इसलिए आपको छोटे बच्चों के रोने पर उनकी छाती पर हाथ फेरना चाहिए।
- नवजात शिशु को Pneumonia होने पर आपके शिशु की सांसे काफी तेज हो जाती है जिसकी वजह से बच्चा काफी तेज-तेज सांस लेता है।
- नवजात शिशु को Pneumonia होने पर उन्हें काफी ज्यादा घबराहट रहती है और वह तुरंत ही किसी भी खिलौने को देखकर भी घबरा जाते हैं।
- शिशु को Pneumonia हो जाने पर उसके होठ या नाखून नीले रंग के होने लगते हैं। जिन्हें देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि नवजात शिशु को Pneumonia हो चुका है तों उस स्थिति में तुरंत ही नवजात शिशु को बच्चों के डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए ताकि समय पर उसका इलाज कराया जा सके।
नवजात शिशुओं को निमोनिया होने के कारण – Causes Of Pneumonia In Newborn Baby In Hindi ?
- Newborn Babies को Pneumonia होने के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे कि कई तरह के रोगाणु जैसे बैक्टीरिया, वायरस जीवाणु तथा फंगस आदि के कारण बच्चों को निमोनिया हो सकता हैं।
- ज्यादातर मामलों में तो Pneumonia बैक्टीरिया तथा वायरल की वजह से ही होता है और Pneumonia ऊपरी स्वसन तंत्र के संक्रमण से शुरू होता है, जो कि नाक और गले को प्रभावित करता है।
- Pneumonia के लक्षण शिशु के शरीर में संक्रमित होने पर 2 से 3 दिनों में ही दिखाई देने शुरू हो जाते हैं। निमोनिया का संक्रमण बहुत ही धीमी गति से फेफड़ों तक पहुंच जाता है और इसी वजह से बच्चे के फेफड़ों में सफेद रक्त कोशिकाएं, बलगम व द्रव हवा की छोटी-छोटी थैलियों में सूजन आना आदि लक्षण महसूस होते हैं और इसी की वजह से बच्चे को सांस लेने में भी काफी तकलीफ होने लगती है।
- Pneumonia के लक्षणों को देखकर आसानी से पता लगाया जा सकता है कि Pneumonia किस जीवाणु के कारण हुआ है। खास तौर पर Bacteria के कारण होने वाले निमोनिया में शिशु को काफी तेज बुखार रहता है और सांसे भी काफी तेज तेज चलती है जबकि वायरस के कारण होने वाले निमोनिया में इस प्रकार के लक्षण काफी धीरे-धीरे सामने आते हैं, जोकि बैक्टीरिया संक्रमण की अपेक्षा कम गंभीर होते हैं।
नवजात शिशुओं के लिए निमोनिया का इलाज – Treatment Of Pneumonia For Newborn Baby In Hindi ?
डॉक्टरों का यह मानना है कि Pneumonia यदि काफी हल्के लक्षण हैं तो आप उन्हें घर पर भी आसानी से ठीक कर सकते हैं वायरल Pneumonia तो थोड़े बहुत घरेलू परहेज से अपने आप भी ठीक हो जाता है, लेकिन निमोनिया से लड़ने के लिए शिशु की Defence System मजबूत होनी चाहिए तभी उसका शरीर निमोनिया से रिकवर हो सकता है यह शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है कि वह कितने दिन में अपने आप ठीक हो जाएं।
वैसे तो Pneumonia के इलाज के लिए डॉक्टर के द्वारा शिशु को Anti-biotics दी जाती हैं ताकि जल्दी ही निमोनिया के लक्षणों को कम किया जा सके क्योंकि कभी-कभी Pneumonia के लक्षण गंभीर होने पर इन्हें नियंत्रण में करना काफी मुश्किल हो जाता हैं। इसीलिए ज्यादातर डॉक्टर नवजात शिशु को Pneumonia होने पर घर पर रहने की सलाह नहीं देते वह शिशु को तुरंत ही अस्पताल में भर्ती करने के लिए कह देते हैं, क्योंकि अस्पताल में डॉक्टर अपनी निगरानी में अच्छी तरह बच्चे का इलाज करते हैं और जो भी देनी है वह अपने आप ही बच्चे को देते हैं ताकि बच्चे को जल्दी से स्वस्थ किया जा सकें।
ज्यादातर छोटे बच्चे खाने वाली दवाइयों को तो नहीं खा पाते, इसलिए उन्हें पीने वाली दवाइयां ही दी जाती है या फिर इंजेक्शन के माध्यम से Pneumonia के लक्षणों को नियंत्रित करने की कोशिश की जाती है।
नवजात शिशु को बैक्टीरिया के कारण Pneumonia होने पर 48 घंटों के अंदर अंदर लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं और ऐसे में शिशु को काफी तेज खांसी, बलगम आदि की समस्या होने लगती है।
यदि आप के शिशु को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही है और तेज बुखार भी हो रहा हैं, तो उसी स्थिति में आपको तुरंत ही अपने शिशु को अस्पताल ले जाना होता है क्योंकि यह Pneumonia की गंभीर स्थिति है और यदि शिशु की स्थिति इससे ज्यादा बिगड़ती है, तो फिर Nimonia Ke Lakshan In Hindi को नियंत्रित करने में डॉक्टर को मुश्किल भी हो सकती है।
नवजात शिशुओं के निमोनिया का घरेलू इलाज – Home Remedies for Pneumonia in Newborns Baby In Hindi ?
अगर किसी भी नवजात शिशु को निमोनिया हो जाता हैं, तो बहुत से घरेलू इलाज के माध्यम से उसे ठीक भी किया जा सकता है जैसे कि :-
Pneumonia होने पर Newborn Baby को 1 दिन में कम से कम 10 से 12 बार माता का दूध पीना आवश्यक है, क्योंकि माता के दूध में वह सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कि बच्चे को अंदर से मजबूत बना सकते हैं। इसलिए यदि बच्चा भरपूर मात्रा में दूध पीता है, तो उससे भी निमोनिया के लक्षणों को मात दी जा सकती है।
नवजात शिशु को Pneumonia होने पर आपको रात के समय आपको ह्यूमिडिटी फायर यंत्र ( HumidiFire Equipment ) का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि इसकी सहायता से भी बच्चों में Nimonia Ke Lakshan कम किए जा सकते हैं।
जब आपका शिष्य सो रहा होता है तो उसे नींद से जगा कर परेशान नहीं करना चाहिए। आपको अपने शिशु को Pneumonia होने पर ज्यादा से ज्यादा आराम करने देना चाहिए, क्योंकि आराम करने से ही वह जल्दी ठीक होगा।
Pneumonia होने पर आपको अपने बच्चे को धूल मिट्टी के कणों से बचाना होगा। इसलिए आपको उसे घर में ही रखना होगा यहां तक कि जब आप अपने घर में झाड़ू लगाती हैं, तो उस समय बच्चे के आसपास झाड़ू लगाते समय सावधानियां बरते इस बात का ख्याल रखें कि बच्चे के मुंह में धूल मिट्टी का कण नहीं जाना चाहिए।
अगर आपके घर में कोई धूम्रपान करता है तो उसे तुरंत ही मना कर दें, क्योंकि धूम्रपान के कारण जो दुआ उत्पन्न होता है उस धुएं से आपके बच्चे को काफी ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है। यहां तक की उसको सांस लेने में काफी तकलीफ हो सकती है उसका दम भी घुट सकता है।
इसीलिए शिशु के सामने धूम्रपान ना करें और यहां तक कि आप अपने घर में मच्छर भगाने के लिए भी किसी प्रकार की धुए का इस्तेमाल ना करें। क्योंकि Pneumonia होने के कारण पहले से ही बच्चे के फेफड़े प्रभावित हो चुके होते हैं जिसके कारण उसे सांस लेने में तकलीफ होती है, ऐसे में यदि आप घर में इस प्रकार के कार्य करेंगे तो उससे बच्चे की जान पर खतरा आ सकता है।
घर में साफ सफाई का पूरा ख्याल रखें कई बार घर में साफ सफाई ना होने के कारण भी बहुत से ऐसे बैक्टीरिया इकट्ठा हो जाते हैं, जिनके संपर्क में बच्चा आ जाता है और फिर उसे Pneumonia हो जाता है इसलिए घर में या घर के आसपास पूरी सफाई रखें।
जब बच्चे को Pneumonia हो जाता है, तो आपको उसके कपड़े रोजाना बदलने चाहिए और उसे नहलाना बिल्कुल भी नहीं चाहिए बस आप गुनगुने पानी से उसके बदन को साफ कर सकती हैं।
आपके नवजात शिशु को Pneumonia होने पर आपको अपने घर में लाल मिर्च या ज्यादा मसालों का तड़का नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि तड़के के कारण पूरे घर में अलग सा धुआं उत्पन्न हो जाता है जिसके कारण बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है इसीलिए ज्यादा मिर्च मसालों का इस्तेमाल भी अपने घर पर ना करें।
नवजात शिशु को निमोनिया होने से कैसे बचाएं – How to Protect Newborn from Getting Pneumonia In Hindi ?
नवजात शिशु को निमोनिया से बचाने के लिए आप बहुत सी चीजों का ख्याल रख सकते हैं जैसे कि :-
यदि आप अपने Newborn Baby को Pneumonia होने से बचाना चाहते हैं, तो आपको अपने शिशु का टीकाकरण करवाना चाहिए जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बच्चे के जन्म के पश्चात बच्चे को अलग-अलग प्रकार के टीके लगाए जाते हैं, जिनसे कि उसे भविष्य में होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके इसलिए आपको यह टीकाकरण करवाना होगा।
आपको अपने शिशु की साफ सफाई पर काफी ध्यान देना होगा यदि आपके घर में साफ सफाई नहीं रहती, तो उसके कारण भी आपके शिशु को Bacterial Pneumonia आसानी से हो सकता है। यदि आपको खांसी है या फिर आपके आसपास किसी व्यक्ति से अपने बच्चे को दूर रखना चाहिए।
आपको अपने शिशु को पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करवाना चाहिए और अपने बच्चे को स्तनपान करवाना चाहिए क्योंकि यदि आप बच्चे के पोषक तत्व का ख्याल रखते हैं, तो इससे आपके शिशु की immunity मजबूत होती है जिससे कि वह अनेकों प्रकार के रोगों से बचा रहता है।
शिशु की माता को भी अपना पूरा ख्याल रखना पड़ता है और पौष्टिक आहार का सेवन करना पड़ता है, क्योंकि जब उसकी माता पोस्टिक आहार का सेवन करेगी तो तभी उसके दूध के माध्यम से उसके बच्चे को पोषक तत्व की प्राप्ति हो पाएगी। इसीलिए शिशु की माता को भी अपने खाने-पीने का पूरा ख्याल रखना पड़ता है।
आपकी शिशु को खांसी होने पर उसे अपनी मर्जी से ही कोई भी दवाई नहीं देनी चाहिए, क्योंकि खांसी भी अनेकों प्रकार की होती हैं। इसीलिए आपको पहले खांसी का कारण जानना चाहिए और फिर शिशु को दवाई दिलवा नी चाहिए।
बहुत बार ऐसा भी होता है कि बच्चा पेशाब कर देता है और उसकी माता को 1 घंटे तक पता ही नहीं लगता जिसके कारण Pneumonia होने का खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए आपको अपने बच्चे पर पूरी नजर रखनी होगी और जब वह पेशाब करता हैं, तो तुरंत ही उसका लंगोटिया डायपर बदलना होगा। इस प्रकार भी आप अपने बच्चे को निमोनिया से बचा सकती हैं।
आपको अपने बच्चे को Pneumonia से बचाने के लिए उसका शरीर Hydrate रखना चाहिए, मतलब कि उसे दूध के अलावा पानी या जूस का सेवन भी करवाना चाहिए क्योंकि वह भी उसके शरीर के लिए काफी ज्यादा जरूरी होते हैं। यदि छोटे बच्चों में पानी की कमी हो जाए तो उसके कारण भी उन्हें Pneumonia हो सकता है। इसलिए बच्चे में पानी की कमी ना होने दें और अपने शिशु को रोजाना 4 से 5 बार पेय पदार्थों का सेवन जरूर करवाएं।
आपको अपने बच्चे की जन्म के पश्चात से ही पूरी तरह देखभाल करनी चाहिए। आपको छोटी-छोटी चीजों का ख्याल रखना चाहिए जिससे कि आपके बच्चे को निमोनिया हो सकता है या फिर इसके अतिरिक्त कोई भी दूसरी बीमारी हो सकती है।
Conclusion –
अगर किसी छोटे बच्चे को निमोनिया हो जाता है तो उसकी अच्छी देखभाल करने के साथ-साथ उसका समय पर इलाज करवाना भी बहुत आवश्यक होता है क्योंकि निमोनिया के लक्षण यदि एक बार गंभीर हो जाएं तो फिर उन पर काबू पाना मुश्किल हो सकता है इसीलिए Pneumonia Ke Lakshan In Hindi के बारे में आपको पता होना आवश्यक है
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको इसी के बारे में पूरी जानकारी दी है कि Bacho Ko Pneumonia Se Kaise Bachaye तथा Pneumonia Treatment For Newborn Baby In Hindi के बारे में बताया है, इसी के साथ-साथ हमने आपको Types Of Pneumonia In Newborn Baby In Hindi तथा Causes Of Pneumonia In Newborn Baby In Hindi के बारे में भी पूरी जानकारी दे दी है।
अब यदि आपको हमसे Pneumonia Se Bachne Ke Upay से संबंधित कोई भी सवाल पूछना हो, तो आप कमेंट सेक्शन में कमेंट कर सकते हैं। धन्यवाद